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मास्क, सेनेटाइजर और फिनायल बना रहीं ग्रामीण महिलाएं - covid 19 in mp

लॉकडाउन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, इसी के चलते मुरैना जिले की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मार्गदर्शन में मास्क, सेनेटाइजर, फिनायल, नेपकिन और टॉयलेट क्लीनर बनाने का शुरु किया गया है.

Rural women making masks
मास्क, सेनेटाइजर और फिनायल बना रहीं ग्रामीण महिलाएं

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Published : May 13, 2020, 12:19 AM IST

मुरैना। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के पास काम का अभाव है और लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. वहीं मुरैना जिले में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ऐसे उत्पादों का काम शुरू किया है, जो इस समय बाजार में आवश्यकता की पूर्ति के लिए पर्याप्त हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मार्गदर्शन में अलग-अलग ग्राम पंचायतों में महिलाओं द्वारा मास्क, सेनेटाइजर, फिनायल, नेपकिन और टॉयलेट क्लीनर बनाने का शुरु किया गया है.

मास्क, सेनेटाइजर और फिनायल बना रहीं ग्रामीण महिलाएं

जिला पंचायत मुरैना की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा मुरैना जिले की ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी महिलाएं जो काम करने की इच्छुक हैं, उनको पंजीकृत कर प्रशिक्षित किया गया. आजीविका मिशन ने इन महिलाओं को ऐसी चीजों का प्रशिक्षण दिया, जिनकी वर्तमान समय में बाजार में भारी मांग है. कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान देश भर के बाजारों में मास्क, सैनिटाइजर, टॉयलेट क्लीनर सहित फिनायल की अत्यधिक बिक्री होने के कारण बाजारों में इन चीजों की कमी आ गई है. इस कमी की पूर्ति करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा इनका उत्पादन किया जा रहा है. ताकि बाजारों में ये सामान जल्दी बिक्री हो और लोगों को कोरोणा संक्रमण काल के दौरान मास्क और सेनेटाइजर जैसी चीजों की कमी महसूस ना हो, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जिले की लगभग एक हजार महिलाओं को इन उत्पादों को तैयार करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये महिलाएं अपने घर के कामकाज से मुक्त होकर शेष समय में मास्क, सेनेटाइजर, फिनायल और नैपकिन आदि को तैयार कर पैकिंग करने का काम करती हैं. जिसका उन्हें उचित दाम तत्काल मिल रहा है. साथ ही प्रशासन ने जिला कार्यालयों में भी इन उत्पादों के स्टॉल लगाने का काम किया है. ताकि ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा कर उन्हें एक उचित बाजार मुहैया कराया जा सके.

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