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बंदूक के दम पर दो महीने तक गर्भवती का गैंगरेप, न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने कराया मुक्त

मुरैना में गर्भवति महिला के साथ ससुराल पक्ष के लोगों ने दो महीने तक रेप किया. इस संबंध में लड़की के मायके पक्ष ने उच्च अधिकारियों को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद न्यायालय का रुख करने के बाद न्यायाधीश के आदेश पर पीड़िता को आरोपियों के चुंगल से मुक्त कराया. बताया जा रहा है कि महिला के साथ दर्जन भर लड़कों ने रेप किया. था.

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Published : Nov 1, 2021, 3:18 PM IST

Updated : Nov 1, 2021, 3:51 PM IST

मुरैना। जिले में एक दर्जन लोगों ने दो महीने पहले बानमौर थाना क्षेत्र से मां-बेटी की मारपीट की और बाद में बेटी को जबरन गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए. आरोपियों के साथ महिला का पति व ससुर भी था. आरोपी गर्भवती महिला को चंबल के बीहड़ में ले गए, जहां दो गांव के एक दर्जन लोगों ने पांच दिन तक महिला के साथ गैंगरेप किया. यही नहीं महिला को तुस्सीपुरा गांव में रखा. वहां भी कई लोगों ने बलात्कार (rape in morena) किया. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से महिला को मुक्त कराया. वहीं पीड़िता की मां ने पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए हैं.

ससुर रखता था गंदी नजर
पीड़ित महिला ने बताया कि डेढ़ साल पहले उसकी शादी हुई थी. ससुराल में ससुर उस पर गलत नजर रखता था. इस बारे में जब पति को बताया, तो उसने पिता का साथ दिया. इसके चलते वह अपनी मां के यहां चली आई. यहां पिछले छह माह से रह रही थी, लेकिन 25 अगस्त की शाम चार पहिया वाहन से एक दर्जन लोग बंदूक लेकर आए. यहां आरोपियों ने मां और मेरे साथ मारपीट की. इसके बाद आरोपी जबरन गाड़ी में डालकर ले गए.

चंबल के बीहड़ में किया रेप
आरोपी महिला को देवगढ़ इलाके के तुस्सीपुरा गांव में सभाराम गुर्जर के घर ले गए. जहां सभाराम का पड़ोसी कंधे पर उठाकर चंबल के बीहड़ में ले गया. साथ में सभाराम का भतीजा धर्मेन्द्र गुर्जर, रामवीर गुर्जर, किलेदार गुर्जर, श्यामवीर गुर्जर, भबूति गुर्जर के भाई के लडके, तीन खुलावली लड़के और तीन चार अन्य लोग भी थे. सभी ने बीहड़ में मेरे साथ पांच दिन तक लगातार बलात्कार किया.

निगरानी के लिए रखे थे बंदूकधारी
महिला ने बताया कि आरोपी उसे एक मंदिर में रखते थे और निगरानी के लिए चार-पांच बंदूकधारी भी खड़े किये हुए थे. पांच दिन बाद उसे तुस्सीपुरा गांव ले गए, जहां दो महीने तक बंद करके रखा. इस दौरान बीच-बीच में कुछ लड़के बलात्कार करते रहे. आरोपी पुलिस (morena police) के आने पर उसे बीहड़ में ले जाते और बाद में फिर घर ले आते.

एएसपी को ज्ञापन देने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
पीड़िता ने कहा कि इस दौरान मेरी मां बानमोर थाना प्रभारी जोगेन्द्र यादव से कई बार मिलीं. उसके बाद 13 सितंबर को पुलिस अधीक्षक की अनुपस्थिति में एएसपी (Morena ASP) को ज्ञापन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पीड़ित महिला व उसकी मां ने महिला आयोग सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की.

न्यायालय के आदेश पर मुक्त करायी पीड़िता
बानमोर थाना क्षेत्र से गर्भवती महिला के अपहरण के मामले की जानकारी पुलिस थाना बानमौर और अधिकारियों को थी, फिर भी उसको मुक्त नहीं कराया गया. जब मां ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई तब पुलिस महिला को लेकर आई और न्यायालय में पेश किया. बानमौर थाने के उप निरीक्षक पीयूष राठौड़ ने अपहृर्ता को हड़काया कि न्यायालय में यह मत कहना कि लेडीज पुलिस तुमको थाने में मिली थी. यही कहना कि मैं तुमको मौके से लेकर आया हूं, जबकि हकीकत ये है कि उसको आरक्षक लेकर आए थे.

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मुक्त कराने के नाम पर थाना प्रभारी ने लिए 50 हजार रुपये
मां ने बानमौर थाना प्रभारी योगेन्द्र यादव से अपनी लड़की को मुक्त कराने की गुहार लगाई तो 50 हजार रुपए लिए. यही नहीं पुलिस ने थाने में सिर्फ मारपीट का मुकदमा कायम किया.

Last Updated : Nov 1, 2021, 3:51 PM IST

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