मुरैना।550 सालों से अधिक समय तक देश के हिंदुओं के संघर्ष के बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर राम के भव्य मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम किया जा रहा है. इसको लेकर हिंदुओं और हिंदूवादी संगठनों में खासा उत्साह है कि लंबे संघर्ष के बाद उनकी महत्वाकांक्षा पूरी होने जा रही है. राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले मुरैना के आरएसएस विचारक राधेश्याम गुप्ता का मानना है कि अयोध्या में बनने वाला भगवान श्री राम का मंदिर केवल राम मंदिर नहीं बल्कि इसे राष्ट्र मंदिर के रूप में भविष्य में पहचाना जाएगा. इसके साथ देश के हिंदुओं की आस्था और स्वाभिमान दोनों जुड़े हैं.
राम मंदिर आंदोलन से लंबे समय तक जुड़े रहे मुरैना के राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1980 से राम जन्मभूमि के विवादित स्थल को अपने संज्ञान में लिया और तब से निरंतर संघ के मार्गदर्शन में आंदोलन से जुड़े रहे. 1983 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्देश पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा गंगा यात्रा निकाली, जो गंगोत्री से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे देश में गई. लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आंदोलन की गति धीमी हो गई.