मुरैना।जिले में 53 गांव के 9 हजार 6 सौ 72 किसानों का बाजरा, तिल्ली, अरहर और ग्वार की फसलों के नुकसान के लिये 9 करोड़ 17 लाख रुपये की राहत राशि का प्रस्ताव मंजूरी के लिये राज्य सरकार को भेजा गया है. सर्वे में फसलों का 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है. शासन से राहत राशि मिलते ही किसानों को बांटने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
राज्य सरकार को भेजा राहत राशि का प्रस्ताव, 9 करोड़ 17 लाख रुपये की मांग
मुरैना में चंबल नदी में आई बाढ़ से हुई बर्बादी के लिए कराये गए सर्वे के बाद जिला प्रशासन ने 9 करोड़ 17 लाख रुपये की राहत राशि का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.
बाढ़ से साढ़े नौ हजार से ज्यादा किसानों की 4100 हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. प्रशासन ने माना कि बाढ़ के पानी से 1226 बड़े किसानों की 820 हेक्टेयर में खड़ी फसल 100 फीसदी नष्ट हो गई. सर्वे में तथ्य सामने आए हैं कि पोरसा, अंबाह, मुरैना, जौरा व सबलगढ़ के 1226 बड़े किसानों (जिनके पास दो हेक्टेयर से अधिक जमीन है) की 820 हेक्टेयर में खड़ी बाजरा की फसल को नुकसान पहुंचा है. पोरसा के 10 गांव में 282 किसान प्रभावित हुए हैं, तो सबसे ज्यादा क्षति अंबाह के 11 गांव में 629 किसानों के खेतों में खड़ी बाजरा, तिल और अरहर की फसल को हुई है.
मुरैना के नौ गांव में 308 किसानों की बाजरा की फसल नष्ट हुई है. वहीं जौरा के छह और सबलगढ़ के एक किसान की बाजरा, तिल और अरहर की फसल नष्ट हुई है. वहीं मकानों के फर्श और दीवारें दरक गईं हैं. इनमें प्रधानमंत्री आवास भी शामिल हैं, जिनकी अंतिम किस्त तक लोगों को नहीं मिल पाई है.