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सुमावली विधानसभाः इस सीट पर किसी एक दल का नहीं रहा प्रभाव, बड़ा फैक्टर है जातिगत समीकरण - एमपी चुनाव

मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है. यहां बीजेपी के ऐंदल सिंह कंसाना का मुकाबला कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाहा से है. जबकि बसपा ने राहुल डण्डौतिया को प्रत्याशी बनाया है. देखिए सुमावली से ईटीवी भारत की यह स्पेशल रिपोर्ट....

sumavali assembly seat
सुमावली का समर

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Published : Oct 21, 2020, 4:48 PM IST

मुरैना। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सबसे ज्यादा पांच सीटें मुरैना जिले की हैं, जिनमें एक सीट सुमावली भी शामिल हैं जहां उपचुनाव हो रहा है. सुमावली सीट कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव जीते ऐंदल सिंह कंसाना के इस्तीफे से खाली हुई हैं. बसपा का प्रभाव होने की वजह से इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है.

सुमावली विधानसभा सीट

कमलनाथ सरकार में मंत्री न बनाए जाने से नाराज ऐंदल सिंह कंसाना ने विधयाकी से इस्तीफा देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया. बाद में उन्हें शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. लिहाजा उपचुनाव में ऐंदल सिंह कंसाना बीजेपी के उम्मीदवार हैं. तो कांग्रेस ने यहां अजब सिंह कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि बसपा ने राहुल डंण्डौतिया को टिकिट दिया है.

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सुमावली में अब तक 10 चुनाव हुए हैं

सुमावली विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए 10 विधानसभा चुनावों में कोई भी राजनीतिक दल इस क्षेत्र को अपना गढ़ नहीं बना सका. सुमावली में अब तक तीन-तीन बार कांग्रेस और बीजेपी को जीत मिली है, तो दो बार बहुजन समाज पार्टी और एक-एक बार जनता दल और जनता पार्टी के प्रत्याशी ने जीत का स्वाद चखा है. जबकि इस बार भी मुकाबला कांटे का दिख रहा है.

सुमावली के मतदाता

सुमावली के जातिगत समीकरण

चंबल अंचल की सीट होने के चलते यहां जातिगत समीकरण सबसे अहम माने जाते हैं. सुमावली में गुर्जर समुदाय के सबसे ज्यादा वोटर हैं. जबकि कुशवाहा, क्षत्रिए और ब्राह्यण वोटर भी यहां प्रभावी भूमिका में रहते हैं. अब तक सबसे ज्यादा 6 बार गुर्जर समुदाय के नेता इस सीट से विधायक बने हैं. इसलिए इस बार भी बीजेपी ने इस बार गुर्जर तो कांग्रेस ने कुशवाहा समुदाय के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. जबकि बसपा ने ब्राह्यण प्रत्याशी को उम्मीदवार बनाया है.

सुमावली के जातिगत समीकरण

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सुमावली के मतदाता

वही बात अगर सुमावली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की जाए तो यहां कुल 2 लाख 21 हजार 570 मतदाता है. जिनमें 1 लाख 23 हजार 095 पुरुष मतदाता तो 98 हजार 463 महिला मतदाता शामिल हैं, जो उपचुनाव में वोटिंग कर अपने नए विधायक का चयन करेंगे.

सुमावली के मतदाता

ऐंदल सिंह कंसाना ने कमलनाथ पर लगाया उपेक्षा का आरोप

बीजेपी प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंसाना ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री थे. लेकिन चंबल की हमेशा उपेक्षा की गयी. 15 महीने तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन कभी यह नहीं लगा कि प्रदेश की सरकार सबके विकास के लिए काम कर रही है. लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद क्षेत्र का विकास शुरु हुआ और चुनाव विकास है जो आगे भी जारी रहेगा.

ऐंदल सिंह कंसाना, बीजेपी प्रत्याशी

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सुमावली के साथ किया गया धोखाः कांग्रेस

कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाहा बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि प्रदेश में 15 साल तक बीजेपी की सरकार रही लेकिन सुमावली का विकास नहीं हुआ. आज सुमावली की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. लेकिन अगर जनता उन्हें मौका देती है. तो वे यहां के विकास के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

अजब सिंह कुशवाहा, कांग्रेस प्रत्याशी

नरेंद्र सिंह तोमर के जिम्मे बीजेपी का प्रचार

बीजेपी प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंसाना ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए चौथी बार जीत दर्ज की थी. लेकिन उनके इस्तीफे से यहां उपचुनाव हो रहा है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र होने के चलते यहां ऐंदल सिंह कंसाना को जीत दिलाने की जिम्मेदारी उन्ही के कंथों पर हैं. जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां लगातार प्रचार में जुटे हैं. हालांकि ऐंदल सिंह कंसाना भी शिवराज सरकार में मंत्री है. लिहाजा वे यहां पूरी ताकत लगा रहे हैं.

राहुल डण्डौतिया, बसपा प्रत्याशी

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प्रचार में जुटी कांग्रेस की टीम

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाहा के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ यहां सभा कर चुके हैं. जबकि कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की टीम भी कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार कर रही है. पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और बृजेंद्र सिंह राठौर यहां लगातार कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं. हालांकि बसपा प्रत्याशी राहुल डण्डौतियां की उपस्थिति मुकाबले को रोचक बना रही है. ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा इसका पता तो 10 नवंबर को ही चलेगा.

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