मुरैना।निवेशकों को लुभावनी स्कीमों का झांसा देकर ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पुलिस को आवेदन देकर लोगों ने अपनी जमा पूंजी वापस करने की मांग की है. इन शिकायतों के बाद शहर में आठ से 10 ऐसी कंपनियों के नाम सामने आएं हैं, जिन्होंने जिले के निवेशकों से अब तक करीब 50 करोड़ से ज्यादा की राशि ठगी है. निवेशकों का कहना है कि निवेश करते समय कंपनी के कर्मचारी और एजेंट उनका बड़ा-बड़ा कारोबार होना बताते थे, लेकिन आज जब पैसा परिपक्वता अवधि के बाद वापस करने का समय आया तब न कर्मचारी मिलते हैं और न ही ऑफिस के ताले खुलते हैं. कई जगह तो ऑफिस के साइन बोर्ड तक उतार के कंपनी के लोग भाग चुके हैं.
मुरैना: चिटफंड कंपनियों के खिलाफ एक दिन में 500 से ज्यादा शिकायत - चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज
मुरैना में शनिवार को सभी थाना में निवेशकों को लुभावनी स्कीमों का झांसा देकर ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ करीब पांच सौ से ज्यादा आवेदन दिए गए. SP के निर्देशों पर शनिवार को कैंप लगाए गए थे, जहां लोगों से ठगी करने वाली चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जानकारी मांगी गई थी.
जिले भर के निवेशकों से मांगे गए आवेदन
प्रदेशभर में निवेशकों के साथ हुई ठगी को राज्य सरकार और DGP पुलिस ने गंभीरता से लिया है. साथ ही सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि जितने भी निवेशक हैं, सबको कैंप लगाकर उनसे आवेदन लिए जाएं ताकि चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों के साथ की गई ठगी का वास्तविक आंकड़ा सामने आए और उसे सरकार के सामने रखा जा सके. इसी कड़ी में शनिवार को मुरैना जिले में सभी थाना क्षेत्रों में निवेशकों को पहले से ही सूचना देकर उनके साथ हुई धोखाधड़ी के मामलों में आवेदन आमंत्रित किए गए थे.
कई कंपनियों के नाम आए सामने
फिलहाल जिन लोगों ने शिकायत की है, उनमें इन फैशन इन्फोकॉम कंपनी, ग्रेविडास इन्वेस्टमेंट कंपनी, कोनारी जनरेशन, GCA मार्केटिंग कंपनी, गंगा-कावेरी इन्वेस्टमेंट कंपनी, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी, सनी इंडिया रियल एस्टेट एंड एलाइड कंपनी, PACL लिमिटेड और ACCI लिमिटेड जयपुर के नाम सामने आए हैं. इन कंपनियों ने मुरैना जिले के हजारों निवेशकों से लुभावनी स्कीमों के नाम पर गुमराह कर करोड़ों रुपए की ठगी की और अब समय अवधि निकलने के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक कई कंपनियां तो निवेशकों को यह कह रही हैं कि वह अपने दस्तावेज आवेदन के साथ जमा करें और जब कंपनी से सेंसन राशि आ जाएगी, तब उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा. कई कंपनियां परिपक्वता अवधि की दोगुनी और तीगुनी समय सीमा समाप्त होने के बावजूद भी निवेश राशि का महज 10 से 15 फीसदी देने पर समझौता करने के लिए निवेशकों पर दवाब बना रही हैं. ऐसी सभी कंपनियों के शिकायती आवेदन शनिवार को पुलिस ने लिए हैं, जिसमें करीब सभी थाना क्षेत्रों में 500 से ज्यादा आवेदन पुलिस को मिले हैं, जिनकी पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू कर दी है.