मुरैना।प्रदेश सरकार ने एससी-एसटी के गंभीर अपराधों में कंपनसेशन की राशि को बढ़ाकर 8 लाख किए जाने और पीड़ित परिवार के आश्रितों को 5 हजार प्रतिमाह जीवन पर्यंत पेंशन देने की घोषणा की है. जिस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है. जिसमें लोग इसे अन्य समाजों के लिए ब्लैकमेल कर गलत इस्तेमाल करने वाले हथियार के रूप में देख रहे हैं. इसके कुछ उदाहरण भी सामने आए हैं. जिसके तहत चंबल अंचल में पिछले साल दर्ज किए गए 102 अपराधों में 75 फीसदी आर्थिक सहायता लेने के बाद पीड़ितों ने राजीनामा किए जाने के मामले सामने आए हैं.
दलित उत्पीड़न के मामलों में सरकार भले ही गंभीर हो, लेकिन धरातल की स्थिति इसके विपरीत है. सरकार जिसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षा कवच के रूप में कानून को और अधिक कड़ा और पीड़ितों को मदद के लिए सरकारी खजाने खोलते जा रही है. जिसमें एक तरफ सरकार से आर्थिक मदद ली जाती है और दूसरी तरफ सरकार की मदद के बाद आरोपी पक्ष से मोटी रकम लेकर राजीनामा करने के मामले भी सामने आए हैं. जिसे लेकर पुलिस विभाग ने समीक्षा करने वाले अधिकारियों और डीपीओ की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए जांच के निर्देश दिए थे.