मुरैना। सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं के दुरूस्त होने का डिंडौरा पीटती हो पर मुरैना जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं. डॉक्टरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मुरैना जिला अस्पातल से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां महिलाओं को सुविधा देने के बयाज दवाब बनाकर उन्हें निजी नर्सिंग होम भेज दिया जाता है, जहां मजबूरन प्रसूता के परिजन मोटी रकम देकर सीजर ऑपरेशन कराने हैं. आरोप है कि इस काम में जिला अस्पताल के डॉक्टर लिप्त रहते हैं. यह बात खुद अस्पताल के सिविल सर्जन स्वीकार रहे हैं.
मुरैना जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हालांकि सीजर ऑपेशन कम होने के लिए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सुविधाओं और स्टाफ की कमी को बड़ी वजह बता रहे हैं और जल्द ही सुधार करने का दावा कर हर रहे हैं. जानकारी के अनुसार निजी नर्सिंग होम से सांठगांठ के चलते जिला अस्पातल में ये पूरा खेल चल रहा है. इस बात की गवाही जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद निजी नर्सिंग होम रेफर किए जानी महिलाओं के आंकड़े दे रहे हैं. जिला अस्पताल से निजी नर्सिंग होने वाली आंकड़ों पर नजर डाले तों अप्रैल माह में 653 महिलाओं को जिला अस्पातल में भर्ती किया गया. इनमें से 122 महिलाएं रेफर की गईं और 35 के सीजर ऑपरेशन किए गए.
पिछले महीनों के आंकड़े
अप्रैल
- 653 महिलाओं को भर्ती किया गया.
- 112 महिलाएं रेफर की गईं,
- 35 के सीजर ऑपरेशन किए गए.
मई
- 786 महिलाएं भर्ती हुईं
- 102 महिलाओं को रेफर किया गया
जून
- 955 महिलाएं भर्ती हुईं
- 113 को रेफर किया गया
- 48 महिलाओं का सीजर ऑपरेशन किया गया
जुलाई
- 1107 महिलाएं भर्ती हुईं
- 131 महिलाओं को रेफर किया गया
- 33 का सीजर ऑपरेशन हुआ
अगस्त
- 1143 महिलाएं भर्ती हुईं
- 26 महिलाओं का सीजर ऑपरेशन किया गया.
- 142 महिलाएं रेफर की गईं
सितंबर
- 1055 महिलाएं भर्ती हुईं
- 148 महिलाएं रेफर की गईं
- 15 महिलाओं का सीजर ऑपरेशन हुआ
अक्टूबर
- 1030 महिलाएं भर्ती हुईं
- 101 महिलाएं रेफर की गईं
- 49 के सीजर ऑपरेशन किए गए
पिछले 6 माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिला अस्पताल में जितनी प्रसूताओं के सीजर ऑपरेशन होते हैं, उससे 4 गुना ज्यादा प्रसूताओं को रेफर कर दिया जाता है. यही वजह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते गरीब परिवारों को ठगा जा रहा है.