भोपाल/मुरैना। मध्यप्रदेश में मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है. प्रदेश के अधिकांश जिलों में गुरुवार को बारिश दर्ज की गई है. तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से तापमान में तेजी से गिरावट आई है. गुरुवार रात राजधानी भोपाल के अलावा सीहोर जिले के पास देर शाम तेज बारिश हुई है. रायसेन जिले में भी बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग के अनुसार आज शुक्रवार को भी उज्जैन, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग में बारिश की संभावना है. इसके अलावा आज भी पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रदेश में कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है. मौसम विभाग का मानना है कि अभी 20 मार्च तक प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा. मौसम के बदलाव की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों के सामने खड़ी हो गई है. कई जगहों पर फसलें कटी हुई खेतों में पड़ी हैं.
चंबल अंचल में ओलावृष्टि की संभावना: वहीं मुरैना जिले में अचानक बिगड़े मौसम के मिजाज ने किसानों की नींद उड़ा दी है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी 3-4 दिन चम्बल अंचल के किसानों के लिए बिलकुल अनुकूल नहीं है. 18 से 20 मार्च तक तेज आंधी-पानी के साथ चंबल अंचल में ओलावृष्टि होने की संभावना है, इसका असर पूरे चम्बल अंचल में रहेगा. मौसम विज्ञानिकों ने किसानों को अलर्ट करते हुए अपनी फसलों और मवेशियों को सुरक्षित रखने की चेतावनी दी है.
खेतों में फसलें खड़ीं, किसानों की बढ़ी चिंता: जानकारी के अनुसार, पिछले 2 दिन से पूरे चम्बल-अंचल में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया है. अचानक बदले मौसम से किसानों की नींद उड़ गई है. क्योंकि अभी खेतों में सरसों-गेंहू और चने की फसल लगभग पककर तैयार खड़ी हैं, हालांकि चम्बल के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों ने सरसों की फसल काटकर रख ली है. ऐसे में यदि मौसम ज्यादा खराब होता है व ओलावृष्टि होती है, तो गेहूं और सरसों की फसल में नुकसान होगा. मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ. हरविंदर सिंह के अनुसार ''बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान की बजह से अचानक मौसम बदल गया है. आगामी 3-4 दिन किसानों के लिए बिलकुल भी अनुकूल नहीं हैं. 18 मार्च से 20 मार्च तक यानी कि 3 दिन तेज आंधी-पानी के साथ गरज-चमक के साथ चंबल-अंचल में ओलावृष्टि हो सकती है. इस दौरान हवाओं की गति 40-50 किलो मीटर प्रति घंटे की रहेगी. अंधी-पानी व ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी किसानों की फसल में अत्यधिक नुकसान होगा''.