मुरैना।जिले के रामपुर कला गांव में स्वाइन फीवर से विगत 15 दिन में एक सैकड़ा से अधिक पालतू सुअरों की मौत होने से गांव में दहशत का माहौल है. पशुपालक मरे हुए सुअरों को गांव से सटे जंगल मे फेंक रहे हैं. इससे ग्रामीणों का जीवन संकट में आ गया है. इस मामले में पशु चिकित्सा विभाग ने पहले तो अनभिज्ञता जाहिर की, लेकिन बाद में दो डॉक्टरों की टीम गांव में भेजकर मामले की जांच कराई. डॉक्टरों की टीम पशु पालकों के घर पहुंचकर शेष बचे हुए सुअरों को इंजेक्शन ओर पाउडर की खुराक देकर वापस लौट आई है.
ये हैं लक्षण :मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले रामपुर कलां गांव निवासी सोनू वाल्मीकि के पास करीब 115 सुअर थे. विगत 27-28 मई से कभी 5 तो कभी 10 और कभी 15 की संख्या में सुअर मरने लगे. उसने अपने स्तर से सुअरों का काफी उपचार किया, लेकिन वो उन्हें बचा नहीं पाया. इस प्रकार विगत 15 दिन के अंदर उसके 100 से अधिक छोटे-बड़े सुअरों की मौत हो गई. सोनू ने बताया कि मरने से करीब 48 घंटे पहले से सुअर खाना-पीना छोड़ देते थे, उनके मुंह-कान और आंख लाल हो जाती एवं मुंह से लार टपकने के साथ ही लंबी-लंबी सांसें खींचना शुरू कर देते थे.