मुरैना।मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया घोषणाएं तो हजारों कर चुके हैं, लेकिन बुनियादी समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है. फिर चाहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र हों या विद्यालय व छात्रावास, इनके भवन निर्माण को पचासों वर्ष बीत चुके हैं मगर उन्हें दुरुस्त कराने के लिए सरकार के पास रुपया नहीं है. इसके चलते वर्तमान में मुरैना जिले के अनेक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय बारिश के दौरान पानी से लबालब हो जाते हैं. जिनमें से पोरसा अस्पताल भी शामिल है, जिससे शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ता है. सरकारी नुमाइंदों के साथ-साथ आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
पोरसा सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल:दरअसल, पोरसा विकासखंड में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन कई दशकों पुराना है और समय-समय पर उसकी मरम्मत की गई है, परंतु जमीन से उसकी ऊंचाई नहीं की गई. जमीन का लेवल बढ़ता गया और अस्पताल का लेवल नीचा होता गया. हालात ये हैं कि जब-जब बारिश होती है और शहर में जलभराव होता है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह पानी से लबालब हो जाता है. मरीजों के वार्ड हों या फिर डॉक्टरों के रूम, सभी में पानी भर जाता है. डॉक्टर एवं मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.