मुरैना।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मांग है कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. न्यायालय से ग्रेजुएटी का मामला उनके हक में आया है, उसे लागू किया जाए. इसके अलावा भी कई मांगें शामिल हैं. रविवार को दो दर्जन कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल भी रखी थी. इन्होंने मांग रखी है कि मानदेय से हुई अवैध कटौती, सेवानिवृत्ति के बाद एक मुश्तराशि तथा मानदेय में वृद्धि जैसी 26 सूत्रीय मांगें हमारी हैं. कार्यकर्ताओं ने सोमवार को आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखे. ये सोमवार दोपहर में रैली निकालते हुए पुरानी कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचीं. यहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
यूनियन ने अपनी मांगें जायज बताईं :आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की उपाध्यक्ष आभा तोमर का कहना है कि हम लोग अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. गौरतलब है कि बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उप केन्द्र की कार्यकर्ता एवं सहायिकायें शासकीय विभाग में, शासकीय अधिकारियों की देखरेख एवं मार्गदर्शन में शासकीय योजनाओं को लागू करने का काम कर रही हैं. शासन अपने सभी काम आंगनवाड़ी कर्मियों से करवाती है. गांव एवं शहर में शासन के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में आंगनवाडी केन्द्र काम कर रहा है. इस तरह स्थानीय स्तर पर शासन के प्रतिनिधि के रूप में 35-40 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर आंगनवाड़ी कर्मियों को पेंशन, ग्रेच्युटी आदि कोई भी सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिया जाता है.