मुरैना। मध्यप्रदेश सरकार भले ही जच्चा-बच्चा सुरक्षा की बात करते हुए पानी की तरह पैसा बहा रही है. लेकिन उसके अपने सरकारी अस्पतालों में नन्हे बच्चों के प्राण संकट में हैं. अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी बेपरवाह हैं. पोरसा अस्पताल में एक घंटे की बारिश से अस्पताल का जच्चा वार्ड सहित अन्य वार्ड भी पानी से लबालब हो गये हैं. अस्पताल में नाले का गंदा पानी भरने से नवजात शिशुओं को गंभीर संक्रमित बीमारियां लगने के साथ ही प्राणों का संकट बढ़ गया है.
पोरसा अस्पताल में भरा बारिश का पानी :मुरैना जिले की अम्बाह तहसील के तहत आने वाले पोरसा कस्बे में सिविल अस्पताल बना हुआ है. यहां पर मरीजों को भर्ती करने से लेकर डिलेवरी वार्ड की सुविधा भी उपलब्ध है. यह अस्पताल शहर के बीचों-बीच स्थित है. चूंकि अस्पताल की बिल्डिंग पुराने समय की बनी हुई है, इसलिए मुख्य रोड इसके फाउंडेशन लेवल से ऊंची है. यही वजह है कि, हल्की सी बारिश होने पर भी सड़क किनारे बना नाला ओव्हरफ्लो होकर बहने लगता है. इससे नाले का गंदा पानी अस्पताल परिसर में बने जच्चा वार्ड में भर जाता है. शुक्रवार को हुई बारिश के बाद भी यही नजारा देखने को मिला. नाले का गंदा पानी जच्चा वार्ड में भर गया.
प्रसूता महिलाओं को हो रही है समस्या: बताते हैं कि, अस्पताल के जच्चा वार्ड में पलंग के नीचे करीब 1-2 फीट पानी भर गया. वार्ड में पानी भरने से प्रसूता तथा उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, अस्पताल में आज तीन डिलेवरी हुई. वार्ड में पानी भरने से प्रसूता महिलाएं अपने नवजात बच्चों को लेकर पलंग के ऊपर ही बैठी रहीं. शौच तथा अन्य नित्य कर्म के लिए प्रसूताओं को अपनी जान जोखिम में डालकर गंदे पानी से होकर निकलना पड़ रहा था. इससे न सिर्फ प्रसूताओं को गंभीर संक्रमित बीमारियां लगने का खतरा है, बल्कि उनके नवजात शिशुओं को भी जानलेवा बीमारियां लगने की संभावना है. इससे जच्चा-बच्चा दोनों का जीवन संकट में है.