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MP Dengue Outbreak: मुरैना में डेंगू विस्फोट, 15 दिन में मिले 100 से ज्यादा मरीज... अस्पताल में बेहतर इलाज ना मिलने के लगे आरोप

Dengue in Morena: मुरैना के एक गांव में डेंगू का विस्फोट हुआ, जहां 15 दिन के अंदर 100 से ज्यादा मरीज संक्रमित मिले हैं. फिलहाल पीड़ित लोगों ने सरकार की स्वास्थय व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं.

MP Dengue Outbreak
मुरैना में डेंगू विस्फोट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 6, 2023, 12:24 PM IST

मुरैना। जिले में लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, फिलहाल ताजा मामाला जनपद पहाडगढ़ के गुल्लाखेड़ा गांव में से सामने आया है जहां पिछले 15 दिनों में 100 से ज्यादा लोग डेंगू से संक्रमित हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि "हम बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें उचित इलाज नहीं मिला है. इसकी शिकायत हमने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) पहाड़गढ़ से भी की थी, लेकिन अभी तक ना तो कोई जांच टाम आई और ना ही हमें अच्छा इलाज मिला." फिलहाल सीएमएचओ का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी, अगर ऐसा है तो जिम्मेदारों के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी किया जाएगा.

शिकायत करने पर भी नहीं हुई कार्रवाई:डेंगू से पीड़ित एक मरीज के परिजन हितेंद्र कुशवाह कहते हैं कि "गांव में डेंगू की बीमारी फैली हुई है, 100 से ज्यादा लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं, लेकिन कोई डॉक्टर की टीम हमारे मरीज को देखने नहीं आई. हमारा मरीज 15 से 20 दिनों से बीमार है, लेकिन सरकारी लोगों को इसकी सुध ही नहीं है. हम लोगों ने शिकायत भी की, लेकिन कोई समस्या का समाधान करने के लिए तैयार नहीं है." एक अन्य मरीज लाल कुशवाह बताते हैं कि "गांव में बीमारी फैल रही है, लेकिन यहां ना तो डॉक्टर आए और ना ही बेहतर इलाज नहीं, हमने गांव के सरपंच को सूचना पहुंचाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई."

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जिम्मेदारों के खिलाफ होगा जारी शोकॉज नोटिस:मामले पर मुरैना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, राकेश शर्मा (सीएमएचओ) का कहना है कि "हां, इस समय मुरैना में डेंगू फैल रहा है और शुरुआत में पहाड़गढ़ ब्लॉक के कुछ गांवों में इससे कई लोग संक्रमित भी हुए थे. लेकिन जांच और इलाज के बाद सभी ठीक हुए. मेरी जानकारी में अब वहां कोई केस नहीं है. बात रही गुल्ला खेड़ा गांव की तो आपने (मीडिया) ही मुझे बताया है. अब जब इस बीमारी के बारे में पता चला है तो मैं गांव में मेडिकल टीमें भेजूंगा और ग्रामीणों को हर तरह की स्वास्थय सुविधाएं मुहैया कराऊंगा. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), सहायक नर्स और मिडवाइफ (एएनएम) और जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ गांव में फैली बीमारी के बारे जानकारी ना बताने के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया जाएगा."

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