मुरैना। जिले के रायडी-राधेन चंबल घाट पर शनिवार को हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने करीब तीन दिन की सर्चिंग के बाद सोमवार दोपहर तक लापता सभी सातों लोगों के शव नदी से बाहर निकाल लिए हैं. पुलिस के अनुसार, एमपी-यूपी और राजस्थान की कुल 18 टीमों ने नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर इन सभी लोगों की तलाश की, लेकिन सातों में से किसी की जिंदगी बचाई नहीं जा सकी.
घटनास्थल से 5 किलोमीटर दूर मिला आखिरी शव:नदी में चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान सोमवार दोपहर को आखिरी शव मिला. रेस्क्यू टीम के मुताबिक, 18 मार्च को नदी में बहे इस बच्चे का शवघटना स्थल से 5 कि.मी. दूर बरामद हुआ. इससे पहले सोमवार सुबह एक और शव पानी से निकाला गया था. जबकि NDRF और गोताखोरों की टीमों ने 2 शव शनिवार को ही निकाल लिए थे. वहीं, रविवार को 3 शव और बरामद कर लिया था. चंबल नदी में मगरमच्छों की संख्या अच्छी-खासी है इसलिए दिन के उजाले में ही रेस्क्यू तेज गति से चलाया जा रहा था. अंधेरा होते ही रेस्क्यू धीमा कर दिया जाता था.
रायडी-राधेन चंबल घाट पर हादसा:मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर शनिवार की सुबह 7 बजे नदी क्रॉस करते समय 17 श्रद्धालु चंबल के पानी में बह गए थे. इनमें से 10 लोग किसी तरह से पानी में गोते खाते हुए एमपी और राजस्थान की ओर घाटों से लगकर सुरक्षित बाहर निकल आए थे, जबकि 7 लोग पानी में समा गए थे. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत NDRF और गोताखोरों की टीम बुलाकर मिसिंग लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया था.