मुरैना।मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही बीजेपी की गुटबाजी पार्टी पर हावी होती जा रही है. यही वजह है कि अब बीजेपी में सिंधिया समर्थक वर्सेस बीजेपी की अंदरूनी की लड़ाई पार्टी को नुकसान कर रही है. वहीं इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरे विश्वास के साथ ताल ठोककर कह रहे हैं कि भाजपा को हराकर हम सत्ता में आएंगे(bjp divided into many faction). कमलनाथ के इस विश्वास ने भाजपा की चिंता और बढ़ा दी है. इस सब के बीच बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार का बयान सामने आया है.
सिकरवार का छलका दर्द:बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार ने अपना दर्द बयां किया है. सिकरवार ने कहा कि, "अब बीजेपी की लड़ाई किसी दूसरी पार्टी से नहीं बल्कि खुद से चल रही है. जो पहले कभी कांग्रेस की स्थिति हुआ करती थी, वह अब बीजेपी पार्टी की है. जिन नेताओं और माफियाओं से हमने वर्षों तक लड़ाई लड़ी, आज वही अगर भारतीय जनता पार्टी के नेता बन कर आएंगे तो हम कैसे स्वीकार करेंगे. उनका कहना है कि बीजेपी के हालात ऐसे हो गए हैं कि, जो जमीनी कार्यकर्ता हैं वह काफी हताश और निराश नजर आ रहे हैं."
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2023 में किसकी होगी सरकार: बीजेपी के लिए महंगाई, बेरोजगारी पहले ही परेशानी का सबब बनी हुई है, अब ऐसे में पार्टी की गुटबाजी कहीं एक और परेशानी बीजेपी के लिए न खड़ा कर दे. यही वजह है कि पिछले 6 महीने से आलाकमान के सिपाही और संघ के पदाधिकारी एमपी में लगातार बैठकें करके समन्वय बनाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. जो हालात नजर आ रहे हैं, उससे यही लग रहा है कि 2023 में भाजपा और कांग्रेस के बीच कम, भाजपा बनाम भाजपा के बीच ही मुकाबला होने की संभावना है(MP Assembly Election 2023).
क्या सिंधिया समर्थक को मिलेगी टिकट: इसको लेकर कांग्रेस पार्टी भी लगातार बीजेपी की अंदरूनी लड़ाई पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, "सिंधिया के आने के बाद बीजेपी अंदर की लड़ाई से परेशान है. यही कारण है कि आगामी विधानसभा में बीजेपी यह तय नहीं कर पाएगी कि जीतने वाले को टिकट दिया जाए या सिंधिया समर्थक को. इस समय चंबल अंचल में सिंधिया समर्थक और बीजेपी की जंग अंदरूनी चल रही है और निश्चित रूप से आगामी विधानसभा में सिंधिया और उनकी गैंग ही बीजेपी की हार का कारण बनेगी."