मुरैना। लॉकडाउन के दौरान भले ही जरूरतमंदों की मदद के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. जिससे कोई भूखा न रहे. सरकार ने इसके लिए बीपीएल परिवारों को तीन महीने का राशन अग्रिम वितिरित करने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद लॉकडाउन लागू होने के बाद से सभी को अतिरिक्त राशन और नकद राशि भी बैंक खातों के माध्यम से भेजी है. लेकिन राशन की दुकान के चक्कर लगाकर थक चुकी एक गरीब बेबा महिला ने राष्ट्रपति से लिखित आवेदन देकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है.
मुरैना : राशन नहीं मिलने से दुःखी मां-बेटे ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग - corona virus havoc
लॉकडाउन में सरकार द्वारा मिलने वाले तीन महीने का राशन नहीं मिलने के चलते मुरैना की रहने वाली 52 साल की बुजुर्ग महिला ने अपने और अपने बेटे के लिए देश के राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है.
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दरअसल, जिले की कैलारस तहसील के हतीपुरा गांव में रहने वाली 52 साल बेबा महिला शीतला ने अपने पुत्र सतेंद्र के साथ भूख से तड़पकर मरने के बजाय राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है. महिला ने लिखित में ईमेल के माध्यम से राष्ट्रपति को खत भेजा है. इसकी एक प्रति पीड़ित ने आयुक्त चम्बल संभाग रेणु तिवारी को भी व्हाट्सअप के माध्यम से भेजी है.
पीड़ित महिला सीतला ने अपने आवेदन में लिखा है कि नेपरी गांव स्थित महिला बहुउद्देश्यीय संस्था जो कि गरीब परिवारों को उचित मूल्य की दुकान संचालित करती है , उनके द्वारा उन्हें पिछले मार्च महीने में वितरित होने वाला 3 महीने का राशन नही मिला. जिसके लिए वह कई बार दुकान के चक्कर लगा चुकी है और न ही मुफ्त में मिलने वाला राशन जिसमे 10 किलो चावल प्रति व्यक्ति दिया जा रहा है वो भी नहीं मिला हैं. इसलिए आज मजबूर और दुःखी होकर उन्होंने मौत को चुना है और देश के राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की कामना की है.