मुरैना।मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक ओर गरीब कल्याण के विकास और बेघर व भूमिहीनों को आवास उपलब्ध करवाने की बात करते हैं. तो वहीं दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदे अपने ओहदे का रुतबा दिखाते हुए गरीब आदिवासियों के आशियाने उजाड़ रहे हैं. जी हां, ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले के करहधाम के जंगल में सामने आया है. फॉरेस्ट विभाग ने बुलडोजर चलाकर 20 अदिवासी परिवारों के घर उजाड़ दिए. इस दौरान कुछ महिलाओं के घायल होने की भी खबर है. इस कार्रवाई से दुखी होकर अदिवासी पुरुष, महिला और बच्चों को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. एसडीएम ने दो दिन में जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. तो वहीं आदिवासी मदद न मिलने पर जिला छोड़ने की बात कह रहे हैं.
SDM ऑफिस पहुंचे पीड़ित आदिवासी: जानकारी के अनुसार, शनिवार की दोपहर करीब 3 बजे एक सैकड़ा की संख्या में आदिवासी पुरुष-महिला अपने-अपने बच्चों को लेकर मुरैना में एसडीएम कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने एसडीएम को अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि, ''वे मुरैना तहसील के अंतर्गत आने वाली धनेला पंचायत के करहधाम बाबा का पुरा पर विगत तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं. यहां पर उनके समाज के करीब 250 परिवार निवास करते हैं. जिस जगह पर उनके घर वन हुए हैं, वह फॉरेस्ट विभाग के अधीन आती है. कुछ लोगों ने यहां पर पक्के मकान बना लिए है, तो कुछ लोग अभी भी झोपड़ियों में रह रहे हैं.''
विरोध के दौरान महिलाएं घायल:लोगों ने बताया कि रोजाना की तरह शनिवार की सुबह वे अपने-अपने घरों में काम कर रहे थे, तभी फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंच गए. अधिकारियों ने महिला और बच्चों को बाहर निकलने की बात कहते हुए घरों पर बुलडोजर चलना शुरू कर दिया. यह कार्रवाई इतनी जल्दबाजी में कई गई कि उनको अपना घरेलू सामान निकालने तक का मौका तक नहीं मिला. अधिकारियों ने कुछ ही मिनटों में बुलडोजर से 20 घरों को तोड़ दिया. इस दौरान कार्रवाई के बीच में आई कुछ महिलाएं घायल हो गईं.