मुरैना।मध्य प्रदेश में फिलहाल भले ही बारिश का दौर थम गया है, लेकिन पिछले हफ्ते हुई जोरदार बारिश से नदियां उफान पर है. इसका सबसे अधिक असर चम्बल अंचल की जीवन रेखा कहलाने वाली चंबल नदी में दिखाई दे रहा है. जल संसाधन विभाग के अनुसार राजस्थान के कोटा बैराज से 2 लाख 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से बीती रात राजघाट पुल पर चंबल का जल स्तर 5 मीटर ऊपर की ओर खिसकने से 128 मीटर पर पहुंच गया है. हालांकि गुरुवार शाम तक चंबल का जलस्तर 2 मीटर नीचे उतर गया है.
मुरैना में 40 गांवों में अलर्ट:चंबल के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने चंबल किनारे बसे हुए 40 गांवों के अलर्ट जारी कर दिया है. अधिकारियों ने रात को ही चंबल किनारे बसे गांवों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया. जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह चंबल अंचल में जोरदार बारिश होने के बावजूद भी चंबल के जलस्तर में कोई खास अंतर नही आया था. राजघाट पुल पर चंबल अपने सामान्य जलस्तर के साथ बह रही थी. जल संसाधन विभाग के अनुसार विगत दो दिन पहले राजस्थान के कोटा बैराज से चंंबल में 2 लाख 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से चंबल नदी अचानक उफान पर आ गई. एक ही रात में चंबल का जलस्तर राजघाट पुल पर 122 मीटर से बढ़कर 128 मीटर पहुंच गया. हालांकि चंबल अभी खतरे के निशान से पूरे 10 मीटर नीचे बह रही है.