मुरैना। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, सुरक्षा के चलते घाटी में भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों में मुरैना जिले के एक ही गांव 'काजी बसई' से 45 जवान कश्मीर में लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं. देश की सुरक्षा में यह गांव सालों से अपना योगदान देता आया है.
इस गांव में जन्म लेते हैं सेना के जवान, हर घर में बसता है सैनिक
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, सुरक्षा के चलते भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों में जिले के एक ही गांव काजी बसई से 45 जवान जम्मू कश्मीर में लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं.
बॉर्डर पर 16 सालों तक देश की सुरक्षा करने वाले काजी बसई के मोहम्मद रफीक ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि सरकार के इस कदम से जम्मू कश्मीर के आम लोगों में खुशी का माहौल है. अनुच्छेद 370 की वजह से घाटी के लोगों को न तो शिक्षा मिल रही थी और न ही स्वास्थ्य सेवाएं.
रफीक ने बताया कि कश्मीर के हालात ऐसे थे कि लोगों को खाना भी नसीब नहीं होता था. ऐसे में सेना ही कई जगहों पर लोगों को खाना पहुंचाती थी. सरकार के इस फैसले से कश्मीर की जनता खुश है. साथ ही वहां के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के हिसाब से वेतनमान की घोषणा लोगों को भरोसा है कि वह भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे.