मुरैना। जिले के चंबल बिंड़वा गांव में आज शराब प्रतिबंध को लेकर निकाली गई संतों की पैदल यात्रा का समापन हुआ. इस दौरान हुई महापंचायत में प्रदेश में शराबबंदी को लेकर चलाए जाने वाले अभियान की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई. संत हरि गिरि महाराज के आह्वान पर शुरू की गई इस पैदल यात्रा की शुरुआत 22 फरवरी को ग्वालियर के शीतला माता मंदिर से शुरू हुई, जो जिले के सभी बड़े मंदिरों से होते हुए आज चंबल बिंड़वा गांव चंबल किनारे मंदिर पर समाप्त हुई. इस दौरान संत हरि गिरि महाराज ने साफ कहा है कि वो प्रदेश में शराब को प्रतिबंध करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. उनके आंदोलन से जनता जाग चुकी है और वो समाज में लोगों को चेतना जगायेंगे. सरकार को भी शराब पर प्रतिबंधित करने के लिए प्रेरित करेंगे. वहीं हरि गिरि ने कहा कि जो चुनाव में शराब बांटते और पिलाते हैं, उन्हें हम वोट नहीं देने देंगे.
- 27 लोगों की हुई थी मौत
मुरैना जिले के छैरा मानपुर गांव सहित अन्य गांवों में जनवरी माह में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत होने के बाद, संत हरि गिरी महाराज ने मध्यप्रदेश में शराबबंदी करवाने का बीड़ा उठाया. उसके लिए उन्होंने 22 फरवरी से ग्वालियर के शीतला माता मंदिर से एक पैदल यात्रा शुरू की थी. यह पदयात्रा हरि गिरि महाराज के शिष्यों द्वारा निकाली गई. यह पदयात्रा शुक्रवार को बिंड़वा गांव में पहुंची, जहां सर्व समाज की हुई माहपंचायत में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, आगरा, दिल्ली, राजस्थान से लेकर पड़ोसी राज्यों से सैकड़ों लोग शामिल हुए. महापंचायत में संत हरिगिरि महाराज ने कहा कि सरकार नशामुक्त प्रदेश की बात कर रही है और दूसरी तरफ शराब की होम डिलीवरी और ठेका बढ़ाने की बात कर रही है. ऐसे कैसे नशा मुक्त होगा अपना प्रदेश. सबसे पहले हमें समाज की कुरीतियों से लड़ना होगा. दूसरी लड़ाई शासन व्यवस्था से लड़नी होगी. कोरी बातों से काम नहीं चलेगा.