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होली नजदीक आते ही मिलावटखोर हुए सक्रिय, खाद्य विभाग पुरानी कार्रवाई गिनाने में लगा - खाद्य विभाग की टीम ने लिए ज्यादातर नमूने जांच में फेल

त्यौहार आते ही मध्य प्रदेश में मिलावटखोर फिर से सक्रिय हो गए हैं. मुरैना में मिलावटखोर यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाकर सिंथेटिक दूध बनाते हैं और उस दूध से मावा, पनीर सहित अन्य सामग्री बनाते हैं और ग्वालियर, शिवपुरी, इंदौर, भोपाल, दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में सप्लाई करते हैं.

Food department team took most of samples failed in test
खाद्य विभाग की टीम ने लिए ज्यादातर नमूने जांच में फेल

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Published : Mar 15, 2022, 10:46 AM IST

मुरैना। होली पर्व नजदीक आ गया है, ऐसे में मिठाईयों के लिए मावे की डिमांड बाजार में बढ़ गई है. डिमांड के मुताबिक आपूर्ति कम होने के चलते मिलावटखोर इसका फायदा उठा रहे हैं. जिसके चलते चंबल-अंचल में मिलावटी मावा तैयार किया जा रहा है. ऐसे में मावा खरीदते समय सावधानी रखने की जरूरत है, कहीं मिलावटी मावे से बनी गुजिया खाकर आप बीमार न हो जाएं. बिना मिठाइयों के त्यौहार फीका रहता है, होली पर्व में अब कुछ दिन ही बचे हैं. ऐसे में मिठाई और गुजिया के लिए मावे की डिमांड बढ़ गई है. अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी मावा की बिक्री होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है. लेकिन खाद्य विभाग की टीम ने अभी तक शहर में कोई कार्रवाई नहीं कि है. वहीं अधिकारी अपनी पुरानी कार्रवाई की बात कह रहे है. कांग्रेस सरकार और प्रशासन पर मिलावट खोरों से मिली भगत का आरोप लगा रहे हैं.

होली नजदीक आते ही मिलावटखोर हुए सक्रिय

फल-फूल रहा मिलावटखोरों का धंधा

मुरैना में दूध का उत्पादन अधिक मात्रा में होता है, जिसका मिलावटखोर फायदा उठा रहे हैं. मिलावटखोर यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाकर सिंथेटिक दूध बनाते हैं और उस दूध से मावा, पनीर सहित अन्य सामग्री बनाते हैं. जोकि बाजार की दुकानों सहित ग्रामीण इलाके में बेची जाती है और अन्य राज्यों में भी सप्लाई की जाती है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल ने प्रदेश की बीजेपी सरकार और मुरैना प्रशासन पर मिलावटखोरों के साथ मिली भगत का आरोप लगाया. उनका कहना है कि प्रशासन सरकार को दिखाने के लिए छोटे छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई करके दिखा देता है. लेकिन जो बड़े-बड़े मिलावटखोर हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.

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ज्यादातर नमूने जांच में फेल

मिलावटखोरी के मामले में जब खाद्य विभाग के अधिकारी धर्मेंद्र जैन से बात की, तो उनका कहना है कि 2020 से लेकर 28 फरवरी 2022 तक कुल 683 सैंपल लिए थे. जिनमें से 624 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, इनमें से दूध के सैंपल 179 लिए गए थे, जिनमें से 166 सैम्पल फेल आये हैं. वहीं मावा के 34 सैम्पल लिए गए थे, उनमें से 16 सैम्पल फेल आये हैं. पनीर के 38 सेम्पल लिए गए, जिनमें से 33 सैम्पल फेल आये हैं. धर्मेंद्र जैन का कहना है कि अभी तक जिलेभर में 7 एनएसए की कार्रवाई की जा चुकी हैं और 56 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई जा चुकी हैं. वहीं एडीएम कोर्ट में 76 प्रकरणों में 2 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है. अभी वर्तमान में एडीएम कोर्ट में 165 प्रकरण लंबित हैं, वहीं सीजेएम कोर्ट में 15 प्रकरण चल रहे हैं. अधिकारी धर्मेंद्र जैन का कहना है कि होली पर भी कार्रवाई की जाएगी.

मिलावटखोर बड़े पैमाने पर करते हैं सप्लाई

कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल ने बताया कि होली का त्यौहार नजदीक आते ही मुरैना जिले में सिंथेटिक दूध और मिलावटी मावा बनाने का कारोबार बड़े जोरों पर किया जा रहा है. जिनके खिलाफ खाद्य विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जब कांग्रेस की सरकार थी, तब प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े जोरों पर अभियान चलाया गया था. लेकिन अब भाजपा सरकार में मिलावट का गोरखधंधा फलफूल रहा है. होली का पर्व नजदीक आते ही मुरैना शहर सहित ग्रामीण इलाकों में सिंथेटिक दूध और केमिकलों से मावा बनाया जा रहा है. लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारी अभी गहरी नींद में सोए हुए हैं. जब उनसे कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी पुरानी कार्रवाईयां गिनाना शुरू कर दिया. जिले में मिलावटी मावा और पनीर ग्वालियर, शिवपुरी, इंदौर, भोपाल, दिल्ली, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में सप्लाई किया जा रहा है.

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