मुरैना।कृषि कानूनों के विरोध में किसान के आंदोलन पर हो रही राजनीति के बीच बीजेपी किसी भी तरह डैमेंज कंट्रोल करने में लगी है. मध्य प्रदेश में 14 दिसंबर को बीजेपी ने सभी जिला मुख्यालयों पर कृषि कानून को लेकर मीडिया से चर्चा की. वहीं Etv Bharat से बात करते हुए प्रदेश के पूर्व मंत्री व बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया ने आंदोलन में वास्तविक किसान के ना होने की बात कही. जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मुखौटा बदलकर देश में अस्थिरता पैदा करने वाले और मोदी सरकार को कमजोर करने वाली ताकतें दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के पीछे हैं. यही कारण है कि किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाय राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं.
वामपंथी संगठन और कांग्रेस किसानों की आड़ कर रहे आंदोलन
पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया का सोमवार को मुरैना प्रवास पर थे. इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार की नीतियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए Etv Bharat से चर्चा. उन्होंने भ्रांतियां फैलाने वाली ताकतों को भी सावधान किया और स्पष्ट शब्दों में कहा कि आंदोलन में किसान के नाम पर वह ताकतें हैं जो दिल्ली के आंदोलन में शामिल थी, जो शाहीन बाग आंदोलन की अगुवाई कर रही थीं, जो धारा 370 को हटाने का विरोध कर रही थी. उन्होंने कहा वामपंथी संगठन और कांग्रेस किसानों की आड़ में मोदी सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं.
आंदोलन मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीवी राजगोपाल सहित अन्य समाजसेवी संगठनों के पैदल मार्च को लेकर उन्होने कहा कि आदिवासी नागरिकों के हितों की रक्षा की आड़ लेकर अपनी रोटियां सेक रहे हैं, जिन्हें समाज सेवा से कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा इन सामाजिक संगठनों का उद्देश्य सिर्फ मोदी सरकार को बदनाम कैसे किया जाए यह रह गया है. यही कारण है कि दिल्ली के शाहीन बाग में अंतहीन आंदोलन की दुर्गति हो गई.
पात्र किसानों की बात सुनने को तैयार सरकार
भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार किसानों के लिए पूरे आदर और सम्मान के साथ बातचीत करने को तैयार है. मोदी सरकार के दरवाजे किसानों के लिए सदैव खुले हैं और खुले रहेंगे. लेकिन वास्तविक किसान अपने हितों पर चर्चा सरकार के साथ करेंगे तो उनकी सुनवाई भी होगी. उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार समाधान करने वाले कदम भी उठाएगी. लेकिन किसानों की आड़ में वामपंथी ताकतें देश में अस्थिरता फैलाने का काम करेंगे तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.