मुरैना।जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत माता बसैया क्षेत्र में बनाई जा रही सड़क मेंटिनेंस के दौरान चल रही गड़बड़ियों को बेपर्दा करने वाली महिला इंजीनियर का 6 दिन के भीतर दूसरी बार तबादला कर दिया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग के खिलाफ आवाज उठाने वाली इंजीनियर का पहले मुरैना से ग्वालियर ट्रांसफर किया गया. अब ग्वालियर से तबादला निरस्त कर अनूपपुर जिले में कर दिया गया.
- ठेकेदार पर FIR की मांग कर रही थी इंजीनियर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की इंजीनियर हिमाचली मिश्रा ने 31 मार्च को कोतवाली में आवेदन देकर एक ठेकेदार और उसके तीन भाइयों के खिलाफ धमकाने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद 1 अप्रैल को पीएमजीएसवाई के जिला प्रबंधक आरपी कोरी को आवेदन देकर बताया कि ठेकेदार द्वारा माता बसैया क्षेत्र में बनाई गई सड़कों के सैंपल लेकर जांच के लिए ग्वालियर की लैब में भेजे गए थे. जहां ठेकेदार ने सैंपलों को बदलवा दिया, इंजीनियर हिमांचली मिश्रा ठेकेदार पर एफआईआर की मांग कर रही है. लेकिन उनके विभाग ने उन पर ही कार्रवाई कर दी.
- एक हफ्ते में 2 बार तबादला
एक अप्रैल को ही हिमांचली मिश्रा को मुरैना से हटाकर ग्वालियर में चीफ जनरल मैनेजर ऑफिस में अटैच कर दिया गया. हिमाचली मिश्रा ने 2 अप्रैल को ग्वालियर में ज्वाइन कर लिया,अब बुधवार को विभाग के मुख्य महाप्रबंधक पंकज झंवर ने नया आदेश जारी किया है. जिसमें हिमाचली मिश्रा का मुरैना से ग्वालियर किया गया तबादला निरस्त करते हुए उनका तबादला अनूपपुर जिले में कर दिया. पीएमजीएसवाई के महाप्रबंधक आरके कोरी का कहना है कि हिमाचली मिश्रा ने किसी वरिष्ठ को बताए बिना सड़क के सैम्पल लिए और बिना जानकारी के उन्हें निजी लैब में भेज दिया. वो विभाग के अनुशासन के खिलाफ है. उधर हिमाचली मिश्रा का कहना है कि वो संविदा कर्मचारी है और 3 साल तक उनका ट्रेनिंग पीरियड है. जिसमें से 2 साल हुए हैं. वहीं 6 दिन के भीतर ही 2 बार तबादले के खिलाफ हिमाचली मिश्रा ने कोर्ट में जाने की बात कही है.
CSP ने ट्रांसफर को बताया रूटीन प्रक्रिया, कांग्रेस नेताओं के सामने घुटने के बल बैठने पर हुआ तबादला
- कोतवाली पुलिस ने नहीं लिखी FIR
हिमांचली मिश्रा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के ठेकेदार और अफसरों की सांठगांठ और फर्जीवाड़े की कई परतें खोल दी है. इसमें से सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि पीएमजीएसवाई के पास खुद की लैब होने के बाद भी विभाग जो सैंपल ले रहा है वह निजी लैब में भेजे जा रहे हैं. इंजीनियर हिमाचली मिश्रा का दावा है कि निजी लैब में ठेकेदार आसानी से सैंपल बदलवा कर अपने फायदे की रिपोर्ट बनवा लेते हैं. दूसरी तरफ हिमाचली ने कोतवाली पुलिस को जो आवेदन दिया है. उसमें भी पुलिस ने 8 दिन बाद कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है.