मुरैना। जिले में मौसम का मिजाज देर रात ऐसा बदला कि पहले आंधी चली फिर कहीं बारिश के साथ ओले गिरे. आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि और बारिश से खेत, खलियान से लेकर कृषि मंडियों तक में किसानों का काफी नुकसान हुआ है. कई गांवों में खेतों में खड़ी गेहूं की फसल चादर की तरह बिछ गई है. तेज बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से कई गांवों में कच्चे मकान और पेड़ टूट गए. वहीं प्रशासन का कोई भी अधिकारी ग्रामीणों से मिलने नहीं पहुंचा है, जिसके कारण फसलों के नुकसान का कोई सर्वे शुरू नहीं हुआ. हालांकि एक हल्का पटवारी मौके पर पहुंच गया तो उन्होंने बताया है कि सरसों और गेहूं की फसल में भारी नुकसान हुआ है.
ओलावर्ष्टि से 80 प्रतिशत फसलों में नुकसान
ओलावृष्टि से जौरा तहसील के 2 दर्जन से अधिक गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों की मानें तो सरसों की फसल लगभग 80 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है. वहीं गेहूं की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. अपनी फसल को बर्बाद देखकर किसान परेशान हैं, उनका कहना है कि सरसों, गेहूं और चने की फसल में भारी नुकसान हुआ है.
आकलन बताना मुश्किल
देर रात हुई ओलावृष्टि के बाद मंगलवार को एक हल्का पटवारी छिनवरा के आसपास गांवों पहुंचा, तो उन्होंने बताया कि सरसों और गेहूं की फसल में भारी नुकसान हुआ है. इसका आकलन शीघ्र कराया जाएगा, लेकिन अभी गेहूं के फसल के नुकसान की बात कहना मुश्किल है.
ओलावृष्टि से किसान मौत की कगार पर