Heavy rain in Morena: मुरैना में बारिश से जन-जीवन बेहाल, 4 पक्के मकान गिरे, सितंबर माह का 30 साल का रिकॉर्ड टूटा - मुरैना में सितंबर महीने में 30 साल का रिकार्ड टूटा
मुरैना में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है. बारिश में चार मकान गिर गए हैं. वहीं सितंबर महीने में 30 सालों का रिकार्ड टूट गया है.
मुरैना। चम्बल अंचल के अतिवर्षा से जन-जीवन बेहाल हो गया है. पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश ने पिछले 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग के अनुसार बीती रात 187 एमएम बारिश दर्ज की गई है. खेत-खलियान पानी से लबालब होने से खरीफ की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना है. वहीं मुरैना शहर के कई वार्डों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. शहर में अलग-अलग जगहों पर 4 मकान गिरने की खबर भी है. हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है. एक जगह मकान गिरने से एक बच्ची घायल हुई है.
गलियों में भरा पानी
मुरैना में बारिश ने तोड़ा 30 साल का रिकार्ड: जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश ने पिछले 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग के अनुसार बीती रात में 174 एमएम बारिश दर्ज की गई है. सितंबर माह में इतनी जोरदार बारिश पिछले दो दशक से नहीं हुई है. अतिवर्षा से शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रो में भी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मुरैना शहर के कई वार्डों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. शहर के वार्ड क्रमांक 2 स्थित बड़ोखर में शमशान घाट पर 3 पक्के मकान पानी से भरभरा कर गिर गए. हालांकि इसमें कोई जन हानि नहीं हुई है. एक जगह मकान के मलबे में दबने से एक बच्ची के घायल होने की खबर है. उधर शहर स्थित महाराजपुरा रोड पर भी पानी से एक मकान गिरने की खबर है.
मुरैना में गिरे पक्के मकान
घरों में भरा पानी, लेकिन किसानों को नुकसान नहीं: वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो खेत-खलियान पानी से लबालब हो गए हैं. खेतों में अधिक पानी भरने से खरीफ की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दलहनी फसलें नष्ट होने की कगार पर है, तो वहीं बाजरे की फसल में 50 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना है. कृषि वैज्ञानिक संदीप सिंह तोमर ने बताया कि "मुरैना जिले में सितंबर माह में 187 एमएम बारिश हुई, इस बारिश ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. फिलहाल फसल की बात की जाए तो बारिश से किसानों की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि बारिश के साथ अगर हवा चलती तो किसानों की फसल को नुकसान होता. इस बारिश से किसानों की फसल का अच्छा उत्पादन होगा एवं रवि की फसल भी अच्छी होगी. मुरैना जिले में 24 घंटे अधिक बारिश होने की संभावना बनी हुई है. अभी अनुमान लगाया जा रहा है कि मुरैना जिले में 50 MM बारिश और हो सकती है.
पूरा शहर हुआ जलमग्न: मुरैना जिले में लगातार हो रही झमाझम बारिश से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया. 24 घंटे की बारिश ने मुरैना शहर को जल मग्न कर दिया. इस बारिश की वजह से कई जगह मकान ढह गए. मकान ढ़हने से लोगों के घर गृहस्थी का सामान मलबे में दबकर खराब हो गया है. गनीमत ये रही कि किसी की चोट नहीं लगी है. लोहिया बाजार, हनुमान चौराहा, सीएसपी ऑफिस, पुलिस लाइन में बने पुलिस कर्मियों के घरों में पानी घुस गया. जिसकी वजह से बच्चों को छत पर बैठकर रात बितानी पड़ी. घरों में घुटने तक पानी भर गया.