मुरैना। शासकीय कन्या महाविद्यालय में राज्य शासन के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जहां एक लैब टेक्नीशियन के पद पर काम कर रहे कर्मचारी को हेड क्लर्क का प्रभार दिया दे दिया गया है. जबकि महाविद्यालय में दो-दो क्लर्क मौजूद हैं. इसके बावजूद प्राचार्य कर्मचारियों की कमी बताते हुए अपने चहेते कर्मचारी ओपी यादव का बचाव करने में लगी हैं.
शासन के आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां शासकीय कन्या महाविद्यालय जिले का अग्रणी महाविद्यालय है. जहां प्राचार्य के पास कन्या महाविद्यालय मुरैना के अलावा शासकीय महाविद्यालय बानमोर और शासकीय महाविद्यालय कैलारस के भी प्रभार हैं.
ऐसे में कार्य की अधिकता है और कर्मचारियों का अभाव. इसके बाद महाविद्यालय की प्राचार्य रीता मदान ने महाविद्यालय में पदस्थ 2 क्लर्क जिनमें एक निम्न श्रेणी और एक कोच श्रेणी लिपिक को किसी भी तरह की जवाबदारी देना जरूरी नहीं समझा. जबकि लैब टेक्नीशियन को उच्च श्रेणी लिपिक का प्रभार देकर मनमानी करने की छूट दे दी है.
बता दें के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि प्रदेश के किसी भी महाविद्यालय में किसी भी परिस्थिति में लैब टेक्नीशियन को कोई अन्य प्रभार नहीं दिया जाएगा. इस आदेश के जारी होने के बाद प्रदेश के कई कॉलेजों में लैब टेक्नीशियन के पास अन्य जो भी प्रभार थे, वह वापस ले लिए गए.
इसके बावजूद मुरैना शासकीय कन्या महाविद्यालय में पदस्थ लैब टेक्नीशियन ओपी यादव पर प्राचार्य लंबे समय से मेहरबान हैं. उन्हें दो क्लर्क होने के बावजूद भी उच्च श्रेणी क्लर्क का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है.