मुरैना।जिले में जहरीली शराब के कारण हुई 24 लोगों की मौत के मामले में कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साध रही है. वहीं कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर मुरैना पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लिया. विधायक ने कहा कि वे तो भोपाल से मुरैना आ गए, लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा अभी तक मुरैना नहीं पहुंचा है.
मुरैना पहुंचा पूर्व मंत्री पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने मुरैना पहुंचकर पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचकर उनको ढाढ़स बंधाया. पूर्व मंत्री ने पीड़ित परिवारों को सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने का भी भरोसा दिलाया. वहीं बृजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि ये घटना मुरैना की ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को शर्मसार कर देने वाली घटना है. यहां इतने व्यपाक रूप से अवैध शराब का कारोबार चलता था. प्रशासन का यह कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी, यह बात गले नहीं उतरती.
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पूर्व मंत्री ने कहा कि इससे स्पष्ट समझ में आता है कि मिली भगत से अवैध शराब का कारोबार चल रहा था. वहीं मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बड़ी बड़ी बातें करते हैं कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. लेकिन मुरैना, उज्जैन और अन्य घटनाओं को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि मध्यप्रदेश में माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है. छोटे लेबल पर कार्रवाई हो जाती है और बड़ा माफिया सुरक्षित रह जाता है. यह पूरा गोरखधंधा प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से चल रहा था. जिसके लिए सरकार से भी इनको संरक्षण मिला हुआ था, नहीं तो यह संचालित नहीं हो सकता था. अब ऐसे में घटना के बाद भी सरकार का असंवेदनशील रवैया बना हुआ है. जिसके लिए कांग्रेसी एकजुट हैं. देश में प्रदेश को शर्मसार करने वाली इस घटना के दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करवाएगी.
पीड़ित परिवार से मिलते पूर्व मंत्री इसके साथ ही पूर्व मंत्री ने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि में भोपाल से मुरैना आ गया लेकिन सरकार का कोई भी मंत्री नहीं आया. मुख्यमंत्री का तो यहां से विशेष लगाव था, छोटी छोटी बातों पर पहुंच जाते हैं तो उनको खुद आना चाहिए था और पीड़ित परिवार के बीच जा कर ढांढस बांधाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए से कह रहा हूं कि मेरी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंच जाए तो तुरंत जल्द से जल्द मुरैना आकर पीड़ित परिवार के बीच पहुंचकर सांत्वना दें. वहीं पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलवाया कि भले ही इसके लिए कांग्रेस को सड़कों पर ही क्यों ना उतरना पड़े.