मुरैना। कोटा के बैराज डैम से छोड़े गए अप्रत्याशित पानी के कारण चंबल नदी में आई बाढ़ से 4 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गई. यह आंकड़ा जिला प्रशासन द्वारा नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कराए गए सर्वे में सामने आया है. इसके बाद जिला प्रशासन ने 9 करोड़ की सहायता राशि किसानों को वितरित करने के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है.
मुरैना: किसानों की बर्बाद हुई फसलों का पूरा हुआ सर्वे, जिला प्रशासन ने सरकार से मांगा 9 करोड़
मुरैना में जिला प्रशासन द्वारा नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कराए गए सर्वे के आंकड़े सामने आये हैं. जिसके बाद जिला प्रशासन ने किसानों के लिए 9 करोड़ की सहायता राशि का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा है.
लगातार हो रही है अतिवृष्टि के कारण समूचे जिले में खरीफ की फसल में नुकसान हो रहा है. जिसको लेकर भी जिला प्रशासन ने सर्वे के निर्देश जारी किए हैं और मैदानी अमले को समय सीमा में सर्वे कराने को कहा गया है. उधर पगारा बांध से छोड़े गए पानी के कारण आसन नदी के किनारे भी बाढ़ के हालात बने, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है.
प्रशासन इसे ध्यान में रखते हुए अब पूरे जिले में फसलों में हुए नुकसान के लिए सर्वे करा रहा है. ताकि सभी जगह किसानों को यथासंभव क्षतिपूर्ति वितरित की जा सके.