मुरैना।जिले के ओला पीड़ित किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं. पहले ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई थी, अब लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. प्रदेश में किसानों के नाम पर राजनीति तो बहुत होती है, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं भी नहीं होती. किसानों के मुआवजे की राशि भी इसी राजनीति की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. शिवराज सरकार के मुताबिक ओले कांग्रेस सरकार के समय गिरे थे, इसलिए किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया, जबकि कांग्रेस का आरोप है कि BJP किसानों को मुआवजा नहीं दे रही है.
प्रदेश में सरकार किसी की भी रहे, पर किसानों की मुसीबत कम नहीं होती है, हाल ही में एक बार फिर ओला गिरने से किसान परेशान हैं, लेकिन प्रदेश सरकार अब तक ओले से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दे पाई है. चुनाव के समय तो प्रतिनिधि कहते हैं कि हम हर संकट में आपके साथ खड़े रहेंगे, लेकिन जब किसान के ऊपर संकट की घड़ी आती है तब कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचता.
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जानकारों की मानें तो सरकार चाहे किसी की भी हो, किसानों के साथ सभी का रवैया एक जैसा रहता है. ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा अब तक नहीं मिला है. पहले कांग्रेस सरकार के समय में ऐसे हालत थे और अब प्रदेश में BJP की सरकार बनने के बाद भी किसानों की हालत में सुधार नहीं हुआ है. किसान आज भी मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.
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कांग्रेस के मुताबिक उनकी सरकार के समय ओले का पूरा सर्वे किया गया था और कुछ किसानों को मुआवजा भी दिया गया था, लेकिन BJP सरकार ने अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. कांग्रेस की मानें तो उनके नेताओं द्वारा मुआवजा दिए जाने की बात पर BJP नेता उल्टे-सीधे बयान दिए हैं. कांग्रेस किसानों की सरकार रही है और हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद कांग्रेस किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए सड़क पर उतरेगी.
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इस मामले में BJP नेताओं का बयान तो और भी नायाब है. उनके मुताबिक ओला कांग्रेस की सरकार के समय गिरा था. इसलिए अभी तक उनको मुआवजा नहीं मिल पाया है. हालांकि, इसके लिए वो कांग्रेस के शासनकाल में गलत सर्वे को कारण बता रहे हैं और जल्द से जल्द नया सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दिलाने की बात कह रहे हैं.