मुरैना। जिले की एकमात्र शुगर मिल को बेचने के आदेश के बाद किसानों और कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है. राजनीतिक गलियारों में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बता दें कि शुगर मिल कर्मचारी और किसानों के 25 करोड़ बकाया भुगतान के मामले को निपटाने के लिए हाईकोर्ट ने मिल को बेचने के लिए आदेश दिए हैं.
कोलारस में यह मिल 1972 में डकैत प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए लगाई थी. इससे 25 हजार किसान परिवार जुड़े थे. 15 हजार कर्मचारियों के परिवारों की रोजी-रोटी इसी कारखाने से चलती थी. मिल में 1100 से अधिक कर्मचारियों का लगभग 25 करोड़ रुपए भुगतान बकाया है. वहीं कुछ गन्ना किसानों की राशि शेष है, जिसके चलते हाईकोर्ट ने मिल बेचकर भुगतान किए जाने के निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट के इस फैसले का कर्मचारी एक तरफ स्वागत कर रहे हैं, तो मिल बंद न करने की भी मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही इस मिल को शुरू करने का वादा किया था, लेकिन मिल बंद कर दी गई तो यह जनता के साथ धोखाधड़ी होगी. किसानों का कहना है कि वह मिल बंद होने के खिलाफ आंदोलन करेंगे.