मुरैना।जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में पीड़ित परिवारों ने श्योपुर-मुरैना मार्ग पर छैरा गांव में जाम लगा दिया. पीड़ित परिवार ने अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने व संरक्षण देने वाले बागचीनी थाना प्रभारी सहित बीट स्टॉफ को निलंबित करने की मांग कर रहे थे.
ग्रामीणों के अनुसार रविवार के दिन गांव की ही दुकानों से मिलने वाली अवैध शराब खरीद कर कुछ लोगों ने शराब पी थी. शाम को ही केदार जाटव की तबीयत खराब हुई, लेकिन वह यह नहीं समझ सका कि तबियत बिगड़ने का कारण क्या है और सुबह होते-होते केदार जाटव की मौत हो गई. परिजनों ने केदार जाटव का अंतिम संस्कार भी कर दिया.वहीं सोमवार दोपहर को करीब 18 से 20 लोगों के शराब पीने के बाद तबीयत खराब होने लगी. तब लोगों की समझ में आया कि यह शराब जहरीली है और लोगों ने सभी बीमार लोग को जौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया.
जहां से उन्हें मुरैना और मुरैना से ग्वालियर रेफर किया गया. हालांकि कई लोगों की अस्पताल पहुंचते ही मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों ने अवैध शराब कारोबारियों पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने व थाना बागचीनी के प्रभारी सहित पुलिस स्टाफ को निलंबित करने की मांग की है. ग्रामीणों ने एसपी से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए चेहरा गांव में पुलिस चौकी भी खोलने की मांग की.
कलेक्टर से ग्रामीणों की मांग
चक्का जाम करने वाले ग्रामीणों ने और मृतक के परिजनों ने कलेक्टर से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए. शासन स्तर से 20 -20 लाख रूपए दिलाए जाए. यही नहीं मृतक पर आश्रितों को भरण पोषण के लिए योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी भी दिलवाई जाए.
जुआ और अवैध शराब का बड़ा कारोबार का केंद्र है छैरा गांव
जिले भर में अवैध शराब बिक्री का कारोबार गांव-गांव और मजरे टोले तक होता है. वहीं दबंगों के संरक्षण में जुआं का खेल भी चलता है, लेकिन छैरा गांव मुरैना जिले में इस मामले में सबसे ऊपर है. ग्रामीणों की मानें तो गांव की 80 फ़ीसदी राशन की दुकानों पर भी शराब बिक्री का कारोबार होती है. इसलिए ग्रामीणों ने सभी शराब कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ-साथ शराब की अधिकृत दुकान को भी बंद कराने की मांग की है.
3 घंटे रहा एमएस रोड जाम
मुरैना श्योपुर मार्ग को छैरा गांव पर आक्रोशित लोगों ने शव रख कर जाम कर दिया. लगभग 3 घंटे बाद प्रशासन जाम को खुलवाने में सफल रहा. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों ने शांतिपूर्वक अपनी बात पुलिस और प्रशासन के सामने रखी. इस दौरान मुरैना विधायक राकेश और सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाहा के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे. साथ ही किरार समाज के नेताओं ने भी ग्रामीणों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता का काम किया. तब जाकर प्रशासन को जाम खुलवाने में सफलता मिली.