मुरैना।जिले से देर रात को मृतकों के 33 अस्थि कलश को गंगा में विसर्जन करने के लिए उनके परिजन बस के जरिए रवाना हुए हैं. इस मौके पर कलेक्टर प्रियंका दास और महापौर अशोक अर्गल ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया. लॉकडाउन के चलते जिले में मृत लोगों के अस्थि कलश हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से गंगा में प्रभावित नहीं हो पाईं थीं . अपने परिजनों के अस्थि कलश के रखे रहने से इन परिवारों में भी दुःख की लहर थी, जिसे देखते हुए सामाजिक संस्था 'नेकी की दीवार' ने पहल की और ऐसे 33 परिवारों के लिए एक बस को उत्तर प्रदेश के सोरों घाट के लिए रवाना किया गया.
33 अस्थि कलश गंगा में विसर्जित करने परिजन हुए रवाना, कलेक्टर और महापौर ने बस को दिखाई हरी झंडी
मुरैना जिले से देर रात मृतकों के 33 अस्थि कलश को गंगा में विसर्जन करने के लिए उनके परिजन बस के जरिए रवाना हुए हैं. इस दौरान कलेक्टर और महापौर ने हरी झंडी दिखाकर बस रवाना किया.
लॉकडाउन की वजह से मृत परिजनों के अस्थि कलशों को गंगा में विसर्जित करने के लिए टीम 'नेकी की दीवार' ने अभिनव पहल की. इस पहल में जिला प्रशासन ने भी पूरी मदद की है, जिसके लिए बस में रवाना सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग कर उनको सुरक्षा के सभी सामान उपलब्ध कराए गए. इसी के साथ संस्था नेकी की दीवार के जरिए यात्रियों के खाने पीने की व्यवस्था भी की गई है.
जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सोरों के स्थानीय प्रशासन से भी बात कर यात्रियों के पहुंचने के बाद वहां इंतजाम किए गए हैं. इस पूरी व्यवस्था में उन परिवारों को जरूर खुशी मिली है, जो अपने मृत परिजनों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया लॉकडाउन में पूरी न कर पाने से परेशान थे. 33 परिवारों के मृत परिजनों की अस्थियां बस द्वारा ले जाई गई हैं. शहर के राम जानकी मंदिर से इस बस को देर रात कलेक्टर और महापौर ने हरी झंडी दिखाकर सोरों के लिए रवाना किया.