मुरैना। चुनाव आयोग मतदाताओं की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, ताकि लोकतंत्र का सही अर्थ सिद्ध हो सके और एक अच्छा जनप्रतिनिधि चुना जा सके. मुरैना में पिछले चुनावों की बात करें, तो मतदान का प्रतिशत आम चुनावों में 50 फीसदी तक रहा है या कई बार इससे भी कम रहा है.
लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने चुनाव आयोग लगा रहा एड़ी-चोटी का जोर - जिला प्रशासन
इस साल 12 मई को मुरैना जिले में लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. लोकतंत्र के महापर्व में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग मतदाताओं को कई तरीकों से प्रेरित कर रहा है.
लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. शहर में दीवार लेखन, होर्डिंग, बैनर-पोस्टर्स लगाकर लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके अलावा निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारी और अधिकारी लोगों जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाकर पाठशाला भी लगा रहे हैं.
निर्वाचन आयोग आम चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी प्रचार के अनेक तरीके अपना रहा है. गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव में मुरैना में महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 40 फीसदी से भी कम रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए भी चुनाव आयोग एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है.