मुरैना। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. आज प्रदर्शन का 22वां दिन है. किसानों के समर्थन में गुरुवार को मुरैना से एकता परिषद के नेतृत्व में 3 राज्यों के किसानों द्वारा पैदल मार्च किया जाएगा. इससे पहले एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीवी राजगोपाल और कांग्रेसी विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
किसानों के समर्थन में उतरी एकता परिषद ने के राष्ट्रीय संयोजक पीवी राजगोपाल का कहना है कि जब सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है और उनके हित की बात कर रही है, तो खुले मंच पर क्यों नहीं आती. उनका कहना है कि गांव गांव जाकर किसानों के बीच लाए गए 3 कानूनों के फायदे समझाने के बजाय आंदोलनकारी किसानों को क्यों नहीं समझाया जा रहा. उनका कहना है कि कहीं ना कहीं सरकार आंदोलनकारी किसानों से बचना चाहती है. इसलिए हम एकता परिषद के नेतृत्व में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के किसानों को लेकर आज मुरैना जिले से पैदल मार्च की शुरुआत करने जा रहे हैं. पैदल मार्च मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के रास्ते दिल्ली जाएगा और किसानों के आंदोलन को समर्थन देगा.
'षड्यंत्र के जरिए किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश'
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीवी राजगोपाल ने कहा कि आंदोलन में लगे किसान की मौत होती जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के नेता अथवा केंद्र सरकार के कृषि मंत्री किसानों के बीच जाकर उनकी शंकाओं का समाधान क्यों नहीं कर रहे. यही कारण है कि यह आंदोलन और अधिक लंबा होता जा रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसान आंदोलन का समाधान करने को दिए गए निर्देश के बाद जल्द समाप्त होने की उम्मीद भी जगी है. किसान आंदोलन देश विरोधी ताकतों के सम्मेलन होने पर पीवी राजगोपाल ने कहा कि हम इस चीज की निगरानी रखते हैं. हमारे साथ या आंदोलन में ऐसी कोई व्यक्ति शामिल नहीं होगा. हालांकि वहां कुछ प्राइस ब्लॉक किसानों के बीच जाकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे देते हैं. जिसकी वजह से किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है और उसे जल्द खत्म कराने के लिए यह एक षड्यंत्र भी हो सकता है.