मुरैना। कांग्रेस ने ग्वालियर में बीजेपी नेता सतीश सिंह सिकरवार को कांग्रेस में शामिल कराकर एक बड़ा दांव चला है. माना जा रहा है कि, वे उपचुनाव भी लड़ेंगे. जब इस मामले में पीएचई मंत्री ऐदल सिंह कंसाना से सवाल किया गया. तो उन्होंने कहा कि, जब भी चुनाव होते हैं, तो नेताओं का आवागमन इस पार्टी से उस पार्टी में लगा रहता है. बीजेपी बहुत बड़ा दल है. इसलिए हमे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
ऐदल सिंह कंसाना, पीएचई मंत्री कंसाना इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि, एक नेता के कांग्रेस में जाने से कुछ नहीं होता. उन्होंने कहा कि, कानखजूरे के अनेक पैर होते हैं और अगर उसका एक पैर अगर साथ न भी दे तो, उसकी चाल पर कोई फर्क नहीं पड़ता, ठीक इसी तहह बीजेपी भी है, जहां सिकरवार के पार्टी में ना रहने से या विरोधी दल के साथ मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
सुमावली से चुनाव लड़ सकते हैं सतीश सिकरवार
सतीश सिकरवार मूल रुप से सुमावली विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं और सुमवाली विधानसभा में उनके पिता गजराज सिंह सिकरवार तीन बार विधायक रहे हैं. उनके छोटे भाई सत्यपाल सिंह सिकरवार भी सुमावली से विधायक रह चुके हैं. यही वजह है कि, सुमावली की राजनीति में सतीश सिकरवार का परिवार खासा प्रभाव रखता है. जिससे उनके यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है.
माना जा रहा है कि, सिकरवार कांग्रेस के टिकट से सुमावली से चुनाव लड़ सकते हैं. जिस पर ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि, सिकरवार सुमावली क्षेत्र तो क्या कही से भी चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन इससे बीजेपी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. प्रदेश में बीजेपी के पक्ष में एक लहर नहीं, बल्कि एक आंधी चल रही है. जिसके सामने कोई भी नहीं टिक पाएगा.