मुरैना।डॉक्टरों की मरीजों के साथ संवेदनहीन व्यवहार करने के मामले तो कई बार सामने आते हैं. लेकिन अमानवीयता की पराकाष्ठा आज मुरैना के जिला अस्पताल में देखने को मिली. यहां एक विकलांग व्यक्ति 31 जुलाई को मेडिकल वार्ड में भर्ती हुआ था. जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन को दी गई थी. लेकिन पर्याप्त इलाज न मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई. जबकि उसका शव पिछले कई दिनों से अस्पताल में ही पड़ा रहा. जिसमें कीड़े तक लग गए.
कई दिनों तक लावारिस पड़ा रहा दिव्यांग का शव मृतक को जिला अस्पताल के डॉक्टर नागेंद्र रिऋईश्वर ने मेडिकल वार्ड में एडमिट किया. लेकिन मरीज को भर्ती करने के बाद ना तो डॉक्टर उन्हें देखने आए और ना ही ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ ने उसका ख्याल रखा.
आज जब मीडिया को यह सूचना मिली कि मेडिकल वार्ड में एक व्यक्ति मृत अवस्था में पड़ा है. जिसके शरीर में कीड़े पड़ रहे हैं. जब मीडिया ने इस मामले में अस्पताल प्रबंधन से जानकारी चाही तो वह इस संबंध में मरीज की कोई पहचान और उसकी मौत कब हुई इसकी कोई जानकारी नहीं दे पाया.
चिंता की बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन कि इतनी अनियमितता और लापरवाही के बावजूद भी अधिकारियों ने मौन धारण कर लिया. जबकि सिविल सर्जन डॉ अशोक गुप्ता इस बात को भी नकारते नजर आए कि शव में कीड़े पड़ने लगे हैं.
लापरवाही के इस संबंध में अधिकारी किसी को भी जिम्मेदार नहीं मान रहे. जबकि युवक की मौत कितने दिन पहले हुई इसकी भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं. लेकिन मुरैना जिला अस्पताल की लापरवाही का यह मामला अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल जरुर खड़े कर रहा है.