मुरैना। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की पहली बैठक में सिंधिया और दिग्विजय सिंह के समर्थक आपस में ही भिड़ गए. लेकिन पुलिस ने मारपीट करने वाले कुछ नेता समर्थकों को बिना कार्रवाई के ही छोड़ दिया. इससे साफ नजर आता है कि पुलिस प्रशासन कांग्रेस नेताओं के दवाब में काम कर रहा है.
कांग्रेस की बैठक में दिग्गी और ज्योतिरादित्य के समर्थक भिंडे, पुलिस देखती रही तमाशा - बैठक
कांग्रेस की बैठक के दौरान दिग्विजय और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच विवाद हो गया. बात इतनी बढ़ गई की दोनों पक्षों के लोग मारपीट पर उतर आए.
दिग्विजय सिंह के समर्थक पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रवाल प्रताप मावई ने कहा कि स्थानीय कर्तकर्ताओं के दूसरे क्षेत्रों में पलायन कर जाने से पार्टी चुनाव हार जाती है. इस पर विरोध जताते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मनोज पाल सिंह यादव ने कहा कि अगर उनकी ड्यूटी लगेगी तो वह गुना शिवपुरी जाएंगे. इसी बात पर बैठक में विवाद हो गया. राकेश मावई और कांग्रेस प्रत्यासी रामविवास रावत ने जैसे-तैसे मामले को शांत कराया. लेकिन बाहर खड़े समर्थकों ने बैठक खत्म होते ही मारपीट शुरू कर दी, जिसमें दोनों ओर के कई लोगों के कपड़े फट गए और कई लोगों को चोट आई.
खास बात तो ये है कि विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचे जरूर लेकिन बिना कोई कार्रवाई किए मारपीट करने वाले नेताओं को छोड़ दिया. यहां तक कि पुलिस जावनों ने जिन लोगों को पकड़ा उन्हें भी कांग्रेस कार्यकर्ता छुड़ा ले गए.