मुरैना। जिले में अशासकीय कोचिंग संचालक संघ ने कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर एसके मिश्रा को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने कोचिंग सेंटर्स को खोलने की मांग की है. लॉकडाउन के चलते बीते तीन महीने से कोचिंग सेंटर बंद हैं. जिसके चलते कोचिंग संचालकों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में मुश्किल हो रही है. कोचिंग संचालकों की मांग है कि जिला प्रशासन कोचिंग सचालन की अनुमति दे. कोचिंग संचालकों ने भरोसा दिलाया है कि सभी संचालक प्रशासन के नियमानुसार ही कोचिंग सेंटर का संचालन करेंगे.
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉक डाउन लगया गया था. इस दौरान पिछले तीन महीनों से पूरे देश में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद पड़े हुए हैं. लॉक डाउन खुलने के बाद भी स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद हैं. इसके चलते प्राइवेट कोचिंग संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कोचिंग सेंटर बंद होने से परिवार चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर अशाकीय कोचिंग संघ के शिक्षकों ने कलेक्टोरेट में एकत्रित होकर कोचिंग सेंटर खुलवाने की मांगों को लेकर कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर एसके मिश्रा को ज्ञापन सौंपा है.
मुरैना में कोचिंग सेंटर्स खोलने की मांग, कोचिंग संचालक संघ ने कलेक्टर ने नाम सौंपा ज्ञापन
मुरैना में कोचिंग संचालकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग कोचिंग सेंटर्स खोलने की मांग की है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोचिंग सेंटर बंद होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. पढ़िए पूरी खबर....
कोचिंग संघ के जिलाध्यक्ष का कहना है कि कोचिंग बंद होने से जो शिक्षक बच्चों को पढ़ाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, वो शिक्षक अब एक-एक पैसे के लिए मोहताज हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन कोचिंग सेंटर खोलने की अनुमति देता है. तो हम सभी प्रशासन को भरोसा दिलाते हैं कि एक बेच में 8 से 10 बच्चे ही बैठाकर और शोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही बच्चों को पढ़ाएंगे. अपर कलेक्टर ने शिक्षकों को आश्वासन दिलाया कि आपकी मांगों को ऊपर लेवल तक पहुंचा दिया जाएगा.