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मुरैना में साइबर फ्रॉड, 2 आरोपी सूरत से गिरफ्तार, लोगों को लोन दिलाने के बहाने HDFC बैंक में खाता खुलवाते थे - मुरैना के लोग एचडीएफसी बैंक खोलकर देते हैं कर्ज

मुरैना में साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. यहां की पुलिस ने 2 आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया है, फिलहाल गैंग का सरगना फरार है.(cyber fraud in Morena)

cyber fraud in morena
मुरैना में साइबर फ्रॉड

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Published : Jun 16, 2023, 5:11 PM IST

मुरैना में साइबर फ्रॉड

मुरैना।जिले के सिटी कोतवाली थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. कोतवाली पुलिस की टीम ने सूरत में दबिश देकर बैंक के जरिए साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग के 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, गैंग का मास्टर माइंड अभी फरार है. पुलिस को बदमाशों के पास से 19 पासबुक, 19 चेकबुक और 7 ATM कार्ड मिले हैं. बता दें कि सूरत की साइबर फ्रॉड गैंग मुरैना में लोगों से संपर्क कर लोन दिलवाने के बहाने HDFC बैंक में खाते खुलवा रही थी. फिलहाल पुलिस गैंग के सरगना की तलाश कर रही है.

मुरैना में साइबर फ्रॉड: सिटी कोतवाली थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि "मधुवन कॉलोनी गणेशपुरा निवासी 1 युवक ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि सूरत के 3 लड़के मुरैना में लोगों से घर-घर संपर्क कर लोन दिलवाने के बहाने HDFC बैंक में खाते खुलवा रहे हैं. खाते खुलवाने के बाद वे संबंधित की पासबुक, चेकबुक और ATM कार्ड अपने पास ही रख लेते हैं. यही नहीं खाता खुलवाते समय वे बैंक में Email-ID और मोबाइल नंबर अपना ही जेनरेट करवाते ताकि उनके खाते में होने वाले लेनदेन की कोई जानकारी संबंधित को नहीं मिल सके. इसी शिकायत पर बैंक के माध्यम से लोगों के साथ बड़ा फ्रॉड होने की आशंका के चलते उनको पकड़ने की कार्रवाई शुरू की गई.(cyber fraud in Morena)

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गैंग का सरगना फरार:पुलिस ने थाने से 1 टीम बनाकर सूरत गुजरात के लिए रवाना की. पुलिस की टीम ने सूरत में दबिश देकर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान गैंग का मुखिया पुलिस के आने की खबर लगते ही भूमिगत हो गया. पुलिस को पकड़े गए आरोपियों के पास से 19 पासबुक, 19 चेकबुक और 7 एटीएम कार्ड मिले हैं. पुलिस बरामद सामान के साथ आरोपियों को पकड़कर मुरैना लाई है. यहां पर उनको लॉकअप में बंद कर सख्ती से पूछताछ की जा रही है. बता दें कि आरोपी बैंक में खाता खुलवाने के बाद वे खुद ही उनके खातों में 30-30 हजार रुपए डिपॉजिट करवाते थे. पैसे जमा करने के कुछ दिन बाद वे उसमें से 25-25 हजार रुपये निकाल लेते थे. 5 हजार रुपये संबंधित के खाते में छोड़ दिए जाते थे, ताकि खाता बंद न हो. इन खातों के माध्यम से वे लोगों के साथ बड़ी धोखाधड़ी करने वाले थे.

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