मुरैना। पूरे देशभर में कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. वायरस से बचना है तो घरों में रहना है, इस सबका वैसे तो सभी पर असर पड़ रहा है. लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल बंद हैं और इस वजह से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. लेकिन इस लॉकडाउन के बीच बच्चों की पढ़ाई को सुचारू रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है. लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई का अब साइड इफेक्ट देखने को मिल रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई का असर: मोबाइल से पढ़ाई करने पर बच्चों की आंखों में आ रही शिकायत - ऑनलाइन पढ़ाई के साइडइफेक्ट
लॉकडाउन में सभी स्कूल संचालकों ने बच्चों को घर पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई के चलते अब छोटे-छोटे बच्चों की आंखों पर बुरा असर देखने को मिल रहा है.
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बता दें कि लॉकडाउन में सभी स्कूल संचालकों ने बच्चों को घर पर ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई के चलते अब छोटे-छोटे बच्चों की आंखों पर बुरा असर देखने को मिल रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से अब बच्चों की आंखों में दर्द होने की साथ-साथ उनकी आंखें भी कमजोर होने लगी हैं. बच्चों के परिजन जो कल तक कोशिश करते थे कि बच्चे ज्यादा देर तक मोबाइल पर न रहें, उनकी अब मजबूरी है कि उन्हें बच्चों को नए-नए मोबाइल खरीद कर देने पड़ रहे हैं. ऑनलाइन क्लास के चलते अब बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है. ज्यादा समय तक मोबाइल पर रहने से चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है और आंखों में जलन जैसी परेशानियां हो रही हैं.
ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से आंख के डॉक्टरों के यहां 8 वर्ष से 20 वर्ष तक के बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है. रोजाना 5 से 10 बच्चे आंखों की परेशानी लेकर आ रहे हैं. डॉक्टर्स भी कह रहे हैं कि लगातार मोबाइल पर रहना बच्चों के लिए अच्छा नहीं है. इसकी वजह से कम उम्र में ही चश्मे की परेशानी तो आ ही रही है साथ ही कई बीमारियां भी बढ़ने लगी है.