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खतरे के निशान से ऊपर बह रही चंबल नदी, दहशत में जी रहे आस-पास के ग्रामीण

कोटा-बैराज डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है. जिसके चलते पोरसा तहसील के छह से अधिक गांवों में चंबल का पानी भरने से ग्रामीण दहशत में हैं.

खतरे के निशान से उपर बह रही चंबल नदी

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Published : Sep 16, 2019, 4:18 AM IST

Updated : Sep 16, 2019, 10:18 AM IST

मुरैना। देशभर में हो रही लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कोटा-बैराज डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते चंबल नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है. जिसके चलते पोरसा तहसील के छह से अधिक गांवों में चंबल का पानी भरने से ग्रामीण दहशत में हैं.

खतरे के निशान से उपर बह रही चंबल नदी

कुछ गांवों में ग्रामीण फंसे हुए हैं पर उनको निकालने के लिए प्रशासन की कोई मदद नहीं पहुंची है. जिसके चलते ग्रामीणों में भारी आक्रोष है. ग्रामीण अपने स्तर पर इंतजाम कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कोटा-बैराज डैम अभी और भी पानी छोड़ा जा सकता है. चंबल के आसपास के गांवों में प्रशासन ने अलर्ट तो जारी कर दिया है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम करने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि करीब एक महीने से अधिक समय हो गया है. उनकी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं. उनका कहना है कि करीब तीन गांव टापू बन चुके हैं, लेकिन शासन और प्रशासन इस और कतई ध्यान नहीं दे रहा है. गांवों में अगर कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, इसका भी जबाव अधिकारियों के पास नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा अधिकारियों को सूचना दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी उनको अभी तक कोई प्रशासन की मदद नहीं मिल पाई है.

Last Updated : Sep 16, 2019, 10:18 AM IST

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