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धोखाधड़ी के मामले में थाना प्रभारी समेत एक अन्य पर मुकदमा दर्ज

जौरा थाना प्रभारी ने एक मामले में पीड़ित का वाहन आपराधिक षड्यंत्र एवं धोखाधड़ी के तहत थाने में खड़ा करा लिया. इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ शिकायत पत्र दायर किया. फिलहाल, मजिस्ट्रेट ने संबंधित आरोपियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

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Published : Apr 2, 2021, 11:43 AM IST

न्यायालय जौरा
न्यायालय जौरा

मुरैना। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित करने हेतु पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है. मामला आपराधिक षड्यंत्र एवं धोखाधड़ी का बताया गया है. पीड़ित बंटी ने लगभग 6 माह पूर्व न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ शिकायत पत्र दायर कर न्याय की मांग की थी.

क्या था मामला
पीड़ित के मुताबिक, थाना प्रभारी देवेंद्र कुशवाह ने आपराधिक षड्यंत्र करते हुए जबरन थाने पर वाहन रखवा दिया था, बंटी ने यह वाहन रोहित की सहमति के बाद ही खरीदा था. पीड़ित शर्तों के मुताबिक वाहन की किस्तें भी अदा कर रहा था. बंटी के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी थाना प्रभारी ने उसका वाहन वापस नहीं दिया. बल्कि, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देकर थाने से भगा दिया. पीड़ित ने तंग आकर न्यायालय में शिकायत पत्र दाखिल कर इंसाफ दिलाने की मांग की.

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को दोषी करार दिया
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंक दुबे ने इस पूरे मामले की सुनवाई की. दुबे ने गुरुवार को मामले में जौरा थाना प्रभारी देवेंद्र को आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोपों का दोषी करार दिया. साथ ही घटनाक्रम में शामिल दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. मजिस्ट्रेट दुबे ने अपने आदेश में आरोपी नगर निरीक्षक कुशवाहा की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु पुलिस अधीक्षक को पत्र भी जारी किया है.

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विवादित कार्यप्रणाली के लिए चर्चित रहे नगर निरीक्षक
देवेंद्र कुशवाह शुरू से ही अपनी विवादित कार्य प्रणाली को लेकर चर्चित रहे हैं. थाना प्रभारी जौरा के खिलाफ कोर्ट द्वारा आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है. कानूनी जानकारों के मुताबिक, थाना प्रभारी के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज होने के बाद उन्हें उसी थाने में पदस्थ नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि ऐसा होने पर वे मामले के साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें थाने से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

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