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मुरैना में नहीं थम रहा पक्षियों के मौते का सिलसिला, जांच के लिए भेजे गए 22 सैंपल

पिछले 2 दिनों में करीब 2 दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिसकी सूचना पाकर जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग में हड़कंप मच गया है. वहीं अभी तक पशुपालन विभाग ने 22 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, जिसमें पुष्टि हो सकें कि जिन पक्षियों की मौत हुई है, उसके पीछे का कारण एच-5 एन-8 वायरस है या फिर कुछ और.

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Published : Jan 12, 2021, 8:58 AM IST

birds deaths
पक्षियों की मौत

मुरैना। प्रदेश के साथ-साथ जिले में भी बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने लगे हैं. पिछले 2 दिनों में करीब 2 दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत की सूचना जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग को मिली है, जिसमें शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र शामिल है. अभी तक पशुपालन विभाग ने 22 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, ताकि यह पुष्टि हो सकें कि जिन पक्षियों की मौत हुई है, उसके पीछे का कारण एच-5 एन-8 वायरस है या फिर कुछ और.

बीते 2 दिनों में जिला प्रशासन के पास 2 दर्जन से अधिक पक्षियों की मौत की सूचना आई, जिसमें ज्यादातर कबूतर और दो कोयल पक्षी शामिल हैं. इसलिए पीडब्ल्यूडी कार्यालय में मृत मिले कबूतर और न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी क्षेत्र अंतर्गत एक निजी मकान में मृत मिले कबूतर के सैंपल जांच के लिए भेजे गए, तो वहीं विभिन्न क्षेत्रों से मुर्गी पालन का काम करने वाले पोल्टी फार्म के साथ-साथ मुर्गी और अंडा बेचने वाले दुकानों से वीट के सैंपल लिए गए हैं. इन सैंपल की मदद से पता लगाया जाएगा कि क्या इस क्षेत्र में पक्षियों के अंदर एच-5 एन-8 वायरस के लक्षण हैं या नहीं.

डॉ एससी शर्मा ,उपसंचालक
भेजे गए 22 सैंपलअभी तक क्षेत्र से आ रही खबरों के आधार पर दो मृत कबूतर से कारकस के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, तो वहीं विभिन्न क्षेत्रों से बीट के 20 सैंपल लिए गए हैं. सभी तहसील मुख्यालय और जिला मुख्यालयों पर बनाए गए कंट्रोल रूम

जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग के माध्यम से पशु चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र, जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील मुख्यालयों के पशु स्वास्थ्य केंद्रों पर कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं. प्रचार-प्रसार के माध्यम और मैदानी अमलों के द्वारा यह सूचना प्रसारित की गई है कि कहीं भी किसी भी पक्षी की मौत होती है, तो व्यक्ति उसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र के कंट्रोल रूम को दें, ताकि पक्षी की मौत का कारण जानने के लिए परीक्षण करा सकें.

पशुपालन विभाग मृत पक्षियों को कराएगा डिस्पोजल

पशुपालन विभाग ने अपने मैदानी अमले को निर्देश दिए है कि जहां भी पक्षी मृत अवस्था में पाए जाते हैं, तो मैदानी अमला उस स्थान पर जाए. वहां से उस मृत पक्षी को लेकर एक जगह पर गड्ढा खोदकर उसे नियमानुसार डिस्ट्रॉय कराया जाए, ताकि संक्रमण दूसरे स्थानों तक ना फैले.

70 डिग्री सेल्सियस पर बॉयल करने पर वायरस होता है नष्ट

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एससी शर्मा के अनुसार, मुर्गी पालन केंद्र चलाने वाले और अंडा-मुर्गी बेचने वाले दुकानदारों को यह सलाह दी गई है कि वह अंडा और मुर्गी से बनने वाले पदार्थों को 70 डिग्री सेल्सियस तक बॉयल करें, ताकि उनमें एच-5 एन-8 वायरस के लक्षण अगर हों, तो नष्ट हो सकें. विशेषज्ञों का मानना है कि एच-5 एन-8 वायरस 70 डिग्री सेल्सियस पर बॉयल किया जाता है, तो उसमें वायरस के लक्षण नष्ट हो जाते हैं.

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