मुरैना। सीवर लाइन निर्माण और ओवर ब्रिज निर्माण के लिए पूरे शहर में खुदाई का काम चल रहा है, जिसकी वजह से धूल और धुंए से लोगों को अस्थमा और एलर्जी हो रही है. लोगों को खिड़की और दरवाजे तक बंद करना पड़ता है. खांसी-कफ और एलर्जी के मरीजों की सांख्या रोजना बढ़ रही है. जिला चिकित्सालय के ओपीडी में लगभग 1400 से 1500 मरीज रोजाना आते हैं, जिनमें से 70 फीसदी अस्थमा, एलर्जी, सांस और खांसी के मरीज हैं.
अस्थमा-एलर्जी को दावत दे रहा धूल-धुआं, 70 फीसदी मरीज हैं संक्रमित - अस्थमा और एलर्जी के मरीज
सीवर लाइन और ओवर ब्रिज निर्माण से मुरैना शहर धूल और धुंए से ढक गया है, जिससे लगातार अस्थमा, एलर्जी, सांस और खांसी के मरीज बढ़ते जा रहे हैं.
धूल और धुंए से बढ़ रहे अस्थमा और एलर्जी के मरीज
मेडिकल स्टोर संचालक दलवीर शर्मा का कहना है कि प्रदूषण की वजह से 40 से 50 फीसदी तक कफ-सीरप और खांसी संबंधी दवाओं की बिक्री लगातार बढ़ रही है. एमडी योगेश तिवारी का कहना है कि लगातार सांस और एलर्जी के मरीज बढ़ रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि मुंह पर मास्क लगाकर रहें. शरीर का ज्यादा हिस्सा ढकने वाले कपड़े पहनना चाहिए, ताकि एलर्जी की शिकायत से बचा जा सके. साथ ही ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाना चाहिए, ताकि धूल से बचा जा सके.
Last Updated : Nov 17, 2019, 9:19 AM IST