मुरैना। चंबल सेंचुरी में पल रहे घड़ियालों को अवैध खनन और पर्यटन के लिए चलाई जा रही है मोटर बोट से असुविधा होने के कारण अब घड़ियाल चंबल नदी की सहायक नदियों में अपने लिए जमीन तलाशने लगे हैं. इस बात के पिछले कुछ समय में सबूत भी देखे गए हैं, जब घड़ियाल कूनो नदी में रहते हुए न केवल स्वतंत्र विचरण कर रहे हैं बल्कि के अंडे देकर अपने कुनबा भी बढ़ाने में भी लगे हैं.
ट्रांसमीटर से मिलेगी घड़ियालों की जानकारी
यही कारण है वन विभाग ने अब चंबल सेंचुरी के घड़ियालों को सहायक नदी कूनो में छोड़ने का निर्णय लिया था, जिसमें अभी तक कुल 95 घड़ियाल को कूनो नदी में छोड़ा जा चुका है. इन घड़ियालों पर ट्रांसमीटर लगाकर निगरानी रखी जा रही है, ताकि उनके स्वास्थ्य की जानकारी के साथ-साथ नदी में कहां तक विचरण करते हैं और किस हाल में रह रहे हैं यह जानकारी घड़ियाल सेंचुरी के अधिकारी, कर्मचारियों को ट्रांसमीटर के जरिए मिलती रहे.
चंबल में अवैध उत्खनन की वजह से घड़ियाल बदल रहे है ठिकाना, कूनो और पार्वती बन रहीं नया आशियाना
मुरैना डीएफओ अमित बसंत निगम के अनुसार पिछले दो सालों घड़ियालों की जनगणना के दौरान चंबल और कूनो नदी में किए जा रहे सर्वे में यह सामने आया है कि चंबल के घड़ियाल अपने अनुकूल स्वच्छ व शांत वातावरण तलाशने के लिए सहायक नदी कूनो में जाने लगे हैं, इसलिए वन विभाग ने घड़ियालों को इस बार कूनो नदी में छोड़ने का फैसला किया और उन पर ट्रांसमीटर लगाकर नजर रखने की योजना बनाई, ताकि जिस तरह वह चंबल नदी में रहकर अपने कुनबे को बढ़ा रहे हैं वैसे ही यह कूनो नदी में भी स्वास्थ्य व स्वच्छंद होकर रह सके. इस बात की जानकारी ट्रांसमीटर के जरिए लेने की योजना तैयार की गई है.