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लॉकडाउन से मासूमों के पेट पर लगा ताला, 80 परिवार दाने-दाने को मोहताज - कोरोना वायरस

कोरोना महामारी ने वैसे तो पूरी दुनिया को अपने पंजे में जकड़ लिया है, लेकिन जो इसकी मार से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, वो मजबूर लोग हैं. कुछ ऐसा ही हाल मुरैना के 80 परिवारों का है, जिन पर कोरोना की ऐसी मार पड़ी है कि वे खाने को मोहताज हो गए हैं.

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Published : Apr 19, 2020, 6:19 PM IST

Updated : Apr 19, 2020, 8:39 PM IST

मुरैना।एक मामूली सा वायरस, जो आंखों से दिखता भी नहीं, लेकिन उसके आतंक से पूरी दुनिया खौफजदा है, इस वायरस की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन किया गया है, पर इस चेन को तोड़ने के चक्कर में कुछ लोगों के सांसों की चेन ही टूटने की कगार पर खड़ी है क्योंकि लॉकडाउन के चलते गरीबों के सामने सबसे बड़ा संकट रोटी का है, उन्हें वायरस से ज्यादा डर भूख से लग रहा है कि कोरोना से बच भी गए तो भूख जीने नहीं देगी. मुरैना जिले के हंसाई गांव में रहने वाले करीब 80 परिवारों को सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते उनके भूखो मरने की नौबत आ गई है. इनका आरोप है कि सरपंच-सचिव राशन मांगने पर उन्हें धमकाते हैं. जिसकी शिकायत जनपद सीईओ से की तो वो भी धमकाने लगे.

खाने को मोहताज 80 परिवार

प्रदेश सरकार मजबूरों के लिए राहत राशि और खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था कर रही है, पर हंसाई गांव में इन सारे दावों की हवा निकल जाती है. जिले में अब तक 14 मिट्रिक टन राशन वितरण किया जा चुका है, पर इनके हिस्से में मुट्ठी भर अनाज भी नहीं आया है.

भूख से बिलखते बच्चे और दाने-दाने को मोहताज इन परिवारों की दुर्दशा की पड़ताल ईटीवी भारत ने की और कलेक्टर को इनकी परेशानी के बारे में बताया तो कलेक्टर प्रियंका दास ने भी इनकी मदद का आश्वासन दिया है, जिसके लिए उन्होंने नाम सहित सभी परिवारों का विवरण मांगा है.

गरीबी और मजबूरी क्या होती है, ये तो वही जानते हैं, जिसे दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं होती, महामारी बन चुकी कोरोना बीमारी इनके सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है क्योंकि इनके सिर्फ आज ही आज है कल का कोई हिसाब नहीं है, यही वजह है कि लॉकडाउन ने पूरी तरह से इनके पेट पर ताला लगा दिया है.

Last Updated : Apr 19, 2020, 8:39 PM IST

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