मुरैना। जिले के साथ ही पूरे चंबल अंचल में सरसों का उत्पादन लगातार बढ़ता रहे इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरसों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदती है. इसके लिए पहले ही किसानों के पंजीयन कर लिए जाते हैं, लेकिन इस बार किसानों की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी इस पर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
2 लाख किसानों की फसलों का होना है पंजीयन, पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष - मुरैना
2 लाख किसानों की फसलों का होना है पंजीयन, पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष, किसानों की फसल समर्थन मूल्य खरीदी पर लगातार संकट के मंडरा रहे बादल
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बता दें जिले में ही नहीं समूचा चंबल अंचल पीला सोना यानी सरसों की पैदावार और सरसों तेल उत्पादन के लिए पूरे देश मे जाना जाता है. वहीं इस बार जिले में दो लाख से अधिक किसानों ने 1 लाख 51 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुआई की है और फसल के लिए वातावरण भी अनुकूल रहा. लिहाजा उत्पादन अच्छा होने की संभावना है. पिछले साल 1 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सरसों की पैदावार हुई थी और इस बार 6000 हेक्टेयर में सरसों की अधिक बोवनी हुई है.
समर्थन मूल्य पर सरसों सहित अन्य फसलों की बिक्री के लिए 1 माह से ऑनलाइन पंजीयन होना शुरू हुआ, जिसके तहत अभी तक सिर्फ सरसों के लिए 6,340, गेहूं के लिए 18,433 किसानों के ही पंजीयन हुए हैं. वहीं पंजीयन की अंतिम तारीख में महज 5 दिन शेष है और 2 लाख से अधिक किसानों के पंजीयन होना बाकी है. ऐसे में इतने किसानों के पंजीयन कैसे संभव है, ये आम किसानों की चिंता का कारण बना हुआ है.