मंदसौर।आधुनिक खेती में इन दिनों किसानों को कई तरह की जरूरत महसूस हो रही है. जिसके चलते किसान और उनके क्षेत्र से जुड़े कारीगर तरह-तरह की मशीनों और यंत्रों का आविष्कार कर रहे हैं. मालवा के किसानों ने इन दिनों खरीफ सीजन में लगाए फसलों में खर पतवार नियंत्रण और वर्षा की स्थिति में पौधों को नमी बनाए रखने के लिए बाइक से चलने वाले एक ऐसे यंत्र का अविष्कार किया है, जो दोनों कामों को आसानी से करता है. इस यंत्र के इजाद होने के बाद से किसानों को काफी सहूलियत हो रही है, वहीं सदियों से चली आ रही बैलगाड़ी अब यहां पूरी तरह से बंद हो गई है.
मशीन, ऐसे करती है काम
मालवा इलाके के देसी कारीगरों ने अब बाइक पर कसे जाने वाले दो पहियों के एक यंत्र का निर्माण किया है, जो दो पहियों और पुराने टेंपो के डिफरेंशल बॉक्स की सेटिंग से बनाए गए हैं. इस यंत्र को बाइक के पिछले टॉयर को खोल कर उसकी जगह कस दिया जाता है. इसकी फिटिंग के बाद दो पहियों वाली बाइक तीन पहियों वाले वाहन में तब्दील हो जाती है. इस यंत्र पर पुराने जमाने से चले आ रहे बैलगाड़ी के जरिए चलने वाले कोलपे को ठीक उसी तरह फसलों की लाइनों में चलाया जाता है, जैसे बैल गाड़ी के जमाने में चलाया जाता था. किसानी भाषा में इसे फसल को डोरा करना कहते हैं.
खर पतवार को करता है नष्ट
बाइक के जरिए फसल में डोरा चलाने से फसलों के बीच में लगी खर पतवार पूरी तरह से उखड़ कर खत्म हो जाती है. डोरा चलाने से फसल में एक तरह खरपतवार का नियंत्रण होता है. वहीं दूसरी तरफ फसल में पाटा बन जाने से भी बारिश नहीं होने के हालात में फसल के सूखने से उसे बचाने में मदद मिलती है.
मशीन की लागत