मंदसौर। जिला प्रशासन की एक अनोखी पहल की है. इसके तहत घर-घर से अनुपयोगी पुस्तकें इकट्ठा की जा रही है, ताकि वह पुस्तकें किसी अन्य विद्यार्थियों के काम आ सकें. प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार की एक योजना के तहत इस कार्य को नया रूप दिया गया है, जो आने वाले दिनों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित होगा.
लाइब्रेरी के लिए दिए जा रहे करीब 10 हजार रुपए
जिला पंचायत सीईओ ऋषभ गुप्ता के मुताबिक केंद्र सरकार गांवों में लाइब्रेरी खोलने के लिए करीब 10 हजार रुपए दे रही है, जिसमे अधिक पुस्तकों का संग्रहण होना मुश्किल है, इसलिए इस कार्य को नया रंग-रूप दिया जा रहा है. मंदसौर प्रशासन ने शहर के मार्गों पर अनाउंसमेंट करवाया जा रहा है, जिसमें आम नागरिकों से अनुपयोगी पुस्तकों को ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली लाइब्रेरी के लिए दान देने की अपील की जा रही है, ताकि वह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के उपयोग में आ सके. लाइब्रेरी बनाने के लिए चुनी हुई, ग्राम पंचायतों द्वारा फर्नीचर क्रय करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. इस लाइब्रेरी के लिए प्रशासन घर -घर से पुस्तकें एकत्रित कर रहा है.